वोट चोर, गद्दी छोड़ के नारे गूंजे और राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी ले उड़े बाइक,
दरभंगा से उठा बवाल
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Bihar News: दरभंगा से शुरू हुई राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा अब विवादों में घिर गई है। यह यात्रा 27 अगस्त को दरभंगा पहुंची थी। इसी दौरान एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने कांग्रेस और महागठबंधन के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ सुरक्षाकर्मियों की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि राहुल गांधी की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने रोड शो के दौरान एक स्थानीय युवक की बाइक चोरी कर ली। मामला सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। पीड़ित परिवार लगातार बाइक की तलाश कर रहा है, लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिली है।
सुरक्षाकर्मियों पर जबरन बाइक ले जाने का आरोप
दरभंगा के रहने वाले अनिल राय के पुत्र शुभम सौरभ ने आरोप लगाया है कि वह अपने ढाबे पर मौजूद थे। इसी दौरान राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी वहां पहुंचे। उन्होंने चाय पी और फिर उनकी पल्सर 220 बाइक मांगी। शुभम ने पहले इंकार किया, लेकिन दबाव डालने पर मजबूरी में बाइक देनी पड़ी। इसके साथ सुरक्षाकर्मी छह और बाइक भी लेकर गए, जिनमें से बाकी बाइकें सड़क किनारे छोड़ दी गईं, लेकिन शुभम की बाइक वापस नहीं लौटी। आरोप है कि सुरक्षाकर्मी बाइक लेकर फरार हो गए और उसकी कोई जानकारी नहीं दी। खास बात यह रही कि यह घटना उस समय हुई जब राहुल गांधी रोड शो कर रहे थे और समर्थक वोट चोर गद्दी छोड़ के नारे लगा रहे थे।
परिजनों ने कई जिलों में खोजी बाइक
बाइक गायब होने के बाद शुभम और उनके परिजनों ने सीतामढ़ी, ढाका और मोतिहारी जैसे कई जिलों का चक्कर लगाया। उन्होंने स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाने की कोशिश की, लेकिन हर जगह यही जवाब मिला कि बाइक वहां नहीं है। शुभम का कहना है कि खोजबीन में अब तक करीब 15 से 20 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके पास सुरक्षाकर्मियों के कॉल रिकॉर्डिंग भी मौजूद हैं, जो इस मामले को और गंभीर बनाता है।
राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज
राहुल गांधी की यात्रा के दौरान बाइक चोरी की यह घटना अब राजनीतिक बहस का मुद्दा बन चुकी है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस से शिकायत भी दर्ज कराई गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस पूरे मामले ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं और कांग्रेस के लिए भी यह एक असहज स्थिति बन गई है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह विवाद यात्रा के संदेश को कमजोर कर सकता है और विपक्षी दल इसे बड़ा मुद्दा बना सकते हैं।