PoK में सड़क पर उतरी जनता, आटे और बिजली के लिए हंगामा,
पाकिस्तान सरकार बैकफुट पर
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Protest Erupts in POK: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान सरकार के भेदभाव और अत्याचार से तंग आकर अब जनता खुलकर बगावत पर उतर आई है। सोमवार को अवामी एक्शन कमिटी (एएसी) के नेतृत्व में पूरे क्षेत्र में शटर-डाउन और व्हील-जाम हड़ताल हुई। हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और सुधारों की मांग करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। नतीजा यह रहा कि दैनिक जीवन पूरी तरह ठप हो गया दुकानें बंद रहीं, सड़कें जाम हो गईं और सार्वजनिक परिवहन भी ठप पड़ गया।
38 सूत्रीय मांगों के साथ आंदोलन एएसी, जो कई सिविल सोसाइटी समूहों का गठबंधन है, उन्होंने 38-सूत्रीय मांगों की सूची पेश की है। इन मांगों में सबसे अहम है पीओके विधानसभा में 12 आरक्षित सीटों को खत्म करना। यह सीटें पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित हैं, जिससे स्थानीय लोग खुद को राजनीतिक रूप से कमजोर महसूस करते हैं। इसके अलावा सब्सिडी वाला आटा, मंगला डैम जलविद्युत परियोजना से जुड़े उचित बिजली टैरिफ और संघीय सरकार द्वारा वादा किए गए संवैधानिक सुधारों के लागू होने की मांग भी शामिल है।
हम पाकिस्तान के खिलाफ नहीं, उपेक्षा के खिलाफ लड़ रहे हैं मुजफ्फराबाद के केंद्रीय चौक पर आयोजित रैली में एएसी नेता शौकत नवाज मीर ने कहा, हमारा संघर्ष 1947 से हमें न दिए गए बुनियादी अधिकारों के लिए है। हम पाकिस्तान के खिलाफ नहीं, बल्कि उस व्यवस्थागत उपेक्षा के खिलाफ हैं, जिसने पीओके को एक कॉलोनी की तरह बना दिया है। मीर के भाषण के बाद भीड़ ने जोरदार नारेबाजी की और पाकिस्तान सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया।
सरकार ने बढ़ाई सख्ती, इंटरनेट बंद प्रदर्शनों के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने इलाके में कड़ा रुख अपनाया है। रविवार आधी रात से पूरे क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। इससे लोगों के बीच संचार बाधित हो गया है। साथ ही 1000 से ज्यादा सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और पंजाब व इस्लामाबाद से अतिरिक्त जवान बुलाए गए हैं। मुजफ्फराबाद जैसे शहरों में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। सरकारी दफ्तरों और जलविद्युत केंद्रों के आसपास भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष पीओके की जनता साफ कह रही है कि यह लड़ाई उनके बुनियादी अधिकारों और न्याय के लिए है। लगातार बढ़ते प्रदर्शनों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो से साफ है कि पाकिस्तान सरकार की उपेक्षा अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आने वाले दिनों में यह आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है।