ओडिशा में नाबालिग को जिंदा जलाने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी,
कहा- हम शर्मिंदा हैं
4 days ago
Written By: NEWS DESK
ओडिशा में दो हफ्तों के भीतर स्कूली छात्राओं के साथ दो हृदयविदारक घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया है। एक तरफ पुरी ज़िले में एक 15 वर्षीय नाबालिग को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की कोशिश की गई, वहीं दूसरी तरफ बालासोर में कॉलेज छात्रा ने सेक्शुअल हैरेसमेंट से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया। इन घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि, "हम शर्मिंदा हैं।"
केंद्र और सभी संबंधित पक्षों से मांगे ठोस सुझावजस्टिस
यहां सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की बेंच ने कहा कि ग्रामीण भारत की लड़कियों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित वातावरण देना राज्य और समाज की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने महिला सुरक्षा के मुद्दे को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए केंद्र और सभी संबंधित पक्षों से ठोस सुझाव मांगे हैं।
पुरी में नाबालिग को पेट्रोल डालकर जलाया गया
ओडिशा के पुरी जिले के बायाबर गांव में 19 जुलाई को 15 वर्षीय एक नाबालिग लड़की पर तीन लोगों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। घटना उस समय हुई जब वह अपनी सहेली के घर जा रही थी। तीनों आरोपी मौके से फरार हैं और अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उन्होंने यह क्रूर कृत्य क्यों किया। लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है। पहले उसे AIIMS भुवनेश्वर में भर्ती किया गया था, लेकिन हालत बिगड़ने पर 20 जुलाई को उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली AIIMS लाया गया, जहां उसे बर्न्स ICU में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है।
बालासोर में युवती ने किया आत्मदाह
ओडिशा की दूसरी हृदयविदारक घटना 12 जुलाई को सामने आई, जब बालासोर जिले के फकीर मोहन कॉलेज की छात्रा ने कॉलेज कैंपस में खुद को आग लगा ली। छात्रा इंटीग्रेटेड B.Ed सेकंड ईयर की स्टूडेंट थी और उसने कॉलेज के HoD समीर कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। आरोप लगाने के बाद जब वह कॉलेज प्रिंसिपल के पास गई, तो प्रिंसिपल ने शिकायत वापस लेने को कहा, जिससे हताश होकर छात्रा ने केरोसीन छिड़ककर आत्मदाह कर लिया। उसे पहले बालासोर जिला अस्पताल और फिर AIIMS भुवनेश्वर ले जाया गया, लेकिन 95% जल चुकी छात्रा ने 14 जुलाई की रात दम तोड़ दिया। जिसके बाद राज्य सरकार ने आरोपी HoD को 12 जुलाई को गिरफ्तार किया और प्रिंसिपल दिलीप घोष को सस्पेंड कर दिया। हालांकि, भारी विरोध के चलते 14 जुलाई को प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का तीखा सवाल
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दोनों घटनाओं पर गहरी नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने कहा कि, “दिनदहाड़े एक बच्ची को जलाने की कोशिश की गई। एक हफ्ते पहले छात्रा ने न्याय न मिलने पर आत्मदाह किया। क्या अब सरकार जागेगी?” उन्होंने यह भी पूछा कि क्या राज्य सरकार अपराधियों को जल्द पकड़ने, दोषियों को सजा दिलाने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी या नहीं।