नेपाल में प्रदर्शनकारियों का कहर: प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के जलाए गए घर, देश में हिंसा का माहौल,
ओली देंगे इस्तीफा या बढ़ेगा अराजकता
9 hours ago
Written By: Ashwani Tiwari
Nepal Protests: नेपाल में राजनीतिक संकट बढ़ता जा रहा है। सोमवार को शुरू हुए छात्रों के प्रदर्शन ने मंगलवार को पूरे देश में हिंसा का रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के आवास को आग के हवाले कर दिया। अब तक 19 छात्रों की मौत की खबर है। इस बीच नेपाल सरकार के 10 से अधिक मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन प्रधानमंत्री ओली ने साफ किया है कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। नेपाल में स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है।
प्रधानमंत्री ओली के आवास में लगाई गई आग
प्रदर्शनकारियों ने बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के आवास में आग लगा दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारी परिसर में घुसकर पहले सामान बाहर निकाल रहे थे और फिर घर के कुछ हिस्सों में आग लगा दी। धुएं का घना गुबार आसमान में उठता देखा गया। वहीं, देश के ऊर्जा मंत्री और राष्ट्रपति के आवास को भी प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया। लोग "केपी चोर, देश छोड़" और "भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो" जैसे नारे लगा रहे थे। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल का आवास पूरी तरह से जलकर खाक हो गया।
प्रधानमंत्री ओली नहीं देंगे इस्तीफा
नेपाल सरकार के मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने कहा कि प्रधानमंत्री ओली किसी भी हाल में इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने हिंसा के पीछे राजनीतिक दलों और अराजकतावादियों का हाथ बताया। सरकार ने हिंसा और हत्याओं की जांच के लिए समिति बनाने का निर्णय लिया है। इसके बावजूद कई मंत्रियों ने प्रदर्शनकारियों की शिकायतों की अनदेखी के चलते इस्तीफा दे दिया है।
मंत्रियों के इस्तीफे और राजनीतिक दबाव
नेपाली कांग्रेस के गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल, युवा एवं खेल मंत्री तेजू लाल चौधरी और जल संसाधन मंत्री प्रदीप यादव ने इस्तीफा दे दिया। सभी का कहना था कि युवाओं की शिकायतों को नजरअंदाज कर सरकार में बने रहना संभव नहीं है। कांग्रेस नेता शेखर कोइराला ने भी अपने करीबी मंत्रियों को इस्तीफा देने का निर्देश दिया।
नियंत्रण से बाहर स्थिति
नेपाल की राजनीतिक परिस्थितियां अत्यंत तनावपूर्ण हैं। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि सरकार विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। देश में व्यापक हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का खतरा बढ़ता जा रहा है।