बेटे की तलाश में जासूस बनी मां,
क्राइम ब्रांच भी न कर सकी...ऐसे खोल दिया 2 हत्याओं का राज
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
Mother Turns Detective: एक मां की जिद और जज्बे ने वो कर दिखाया, जो पुलिस भी नहीं कर सकी। यहां अपने लापता बेटे की तलाश में एक मां खुद जासूस बन गई और आखिरकार दो हत्याओं का राज उजागर कर दिया। दरअसल यह घटना है साल 2015 की, जब महाराष्ट्र के ठाणे के मुंब्रा इलाके में रहने वाला 17 साल का सोहेल कुरैशी अचानक गायब हो गया था। बेटे के लौटने का इंतजार करती एक सिंगल मदर फरीदा खातून को जब पुलिस से मदद नहीं मिली, तो उन्होंने खुद ही बेटे की तलाश शुरू कर दी।
पुलिस ने कहा- इंतजार करो, लौट आएगा
मिली जानकारी के मुताबिक 17 अप्रैल 2015 को सोहेल अपनी मां से कहकर निकला था कि वह 10 मिनट में लौट आएगा। लेकिन जब वो देर रात तक भी घर नहीं लौटा, तो फरीदा ने मुंब्रा पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने उसे आश्वासन दिया कि लड़का यहीं कहीं होगा और वापस आ जाएगा, लेकिन फरीदा को कुछ अनहोनी का अंदेशा था।
मां ने खुद की शुरू की तहकीकात
फरीदा पेशे से नर्स थीं और मुंबई के जेजे अस्पताल में काम करती थीं। उन्होंने बेटे के दोस्तों से पूछताछ शुरू की। इस बीच उनकी मुलाकात एक लोकल पत्रकार मुबीन शेख से हुई। फरीदा और मुबीन ने मिलकर खोजबीन का दायरा बढ़ाया। सोहेल के दोस्तों में से ज्यादातर रबाले इलाके के थे, जहां से उन्होंने सुराग जुटाने शुरू किए।
जेलों की खाक छानी, रिश्तेदारों से भी की पूछताछ
पुलिस की सलाह पर फरीदा ने ठाणे, कल्याण और तलोजा की जेलों के चक्कर लगाए। कभी-कभी तो वह पूरे दिन जेल के बाहर बैठी रहती थीं। उन्होंने अजमेर में अपने रिश्तेदारों को भी फोन किया, कहीं सोहेल दरगाह तो नहीं चला गया।
दूसरी मां से मुलाकात ने खोला बड़ा राज
सितंबर में फरीदा को पता चला कि सोहेल का एक दोस्त शब्बीर भी उसी दिन से गायब है। फरीदा ने शब्बीर की मां हसीना से संपर्क किया। दोनों ने मिलकर सोहेल और शब्बीर के बाकी दोस्तों से पूछताछ की, जिसमें दो नाम सामने आए—दीपक वाल्मीकि उर्फ सैम और मोहम्मद चौधरी उर्फ बाबू।
क्राइम ब्रांच को दी जानकारी, खुला मर्डर का राज
फरीदा, हसीना और पत्रकार मुबीन ने ठाणे क्राइम ब्रांच जाकर पूरी जानकारी दी। जांच शुरू हुई तो सामने आया कि दीपक और मोहम्मद ने सोहेल और शब्बीर की हत्या कर दी थी। वजह यह थी कि शब्बीर ने दीपक और उसकी बहन के अफेयर का विरोध किया था और दीपक को शक था कि सोहेल ने यह बात शब्बीर को बताई थी।
मैदान में दफनाई गई थीं लाशें
इस दौरान हत्यारों ने कबूल किया कि दोनों की हत्या कर उन्हें टर्भे के एक मैदान में दफन कर दिया गया था। पुलिस ने नवंबर 2015 में उस जगह खुदाई कर लाशों के अवशेष बरामद किए।
मां के हौसले को सलाम
फरीदा खातून की हिम्मत और जज्बे ने दो हत्याओं को उजागर कर दिया। अगर उन्होंने हार मान ली होती, तो यह केस कभी सुलझ नहीं पाता। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिले। बाद में फरीदा ने एक संगठन भी शुरू किया, जो लापता लोगों को खोजने में मदद करता है।