लो भइया बिहार में हो गया बड़का खेला…
हिंदू बहुल गांव की वोटर लिस्ट में निकल आए सैकड़ों मुस्लिम नाम
2 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Bihar Chunav: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से करीब 40 किलोमीटर दूर सकरा विधानसभा क्षेत्र के कटेसर पंचायत का मोहनपुर टोला इन दिनों सुर्खियों में है। यह इलाका भूमिहार और वैश्य समुदाय का गढ़ माना जाता है और यहां लगभग 500 हिंदू परिवार रहते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक यहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। लेकिन हाल ही में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) के बाद जब चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की, तो लोगों को बड़ा झटका लगा। सूची में गांव के सैकड़ों घरों में मुस्लिम मतदाताओं के नाम जोड़ दिए गए। कहीं दो तो कहीं आठ-दस नाम तक जोड़ दिए गए, जिससे पूरा गांव हैरान और नाराज़ है।
घर-घर में अजीब गड़बड़ी
गांव के रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मचारी कामेश्वर ठाकुर के परिवार में छह सदस्य वोटर हैं, लेकिन ड्राफ्ट लिस्ट में उनके साथ दो मुस्लिम नाम और जोड़ दिए गए। इसी तरह मैथुर ठाकुर और दिलीप ठाकुर के परिवार में पांच वोटर थे, लेकिन सूची में चार अतिरिक्त मुस्लिम नाम दर्ज हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई सामान्य गलती नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश है।
बंद घरों और मृतकों के नाम पर भी वोटर
गांव में कई घर ऐसे हैं जो वर्षों से बंद पड़े हैं या जिनके मालिक बाहर रहते हैं, लेकिन उनकी वोटर लिस्ट में भी मुस्लिम मतदाताओं के नाम जोड़ दिए गए। बैंककर्मी उमेश ठाकुर अक्सर बाहर रहते हैं, फिर भी उनके परिवार की सूची में आठ मुस्लिम नाम शामिल हो गए। मृतक मुन्द्रिका ठाकुर का घर लंबे समय से वीरान पड़ा है, फिर भी उनके नाम पर आठ मुस्लिम मतदाताओं का नाम जुड़ गया। कृष्ण कुमार ठाकुर का कहना है, हमारे टोला में कोई मुसलमान नहीं रहता। फिर भी हर घर की सूची में मुस्लिम नाम कैसे आ गए, यह समझ से परे है।
ग्रामीणों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी
वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों को कई बार शिकायत दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारी गांव का दौरा जरूर कर चुके हैं, मगर गड़बड़ी जस की तस बनी हुई है। नाराज़ ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही नामों की गलतियां नहीं सुधारी गईं, तो वे आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
राजनीतिक साजिश की आशंका
मोहनपुर टोला का मामला इसलिए भी संवेदनशील हो गया है क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में सकरा सीट पर बेहद करीबी मुकाबला हुआ था। उस समय जेडीयू प्रत्याशी अशोक कुमार चौधरी ने कांग्रेस उम्मीदवार उमेश कुमार राम को सिर्फ 1,537 वोटों से हराया था। ग्रामीणों को आशंका है कि इस बार मुस्लिम मतदाताओं के नाम जोड़कर भविष्य के चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की साजिश रची जा रही है।