ऑफिस में फोन बैन का नियम बना मैनेजर पर बोझ,
17 मिस्ड कॉल्स के बाद खुद ही बदल दी पॉलिसी
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Viral News: ऑफिस में काम के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना सही है या गलत, यह हमेशा चर्चा का विषय रहा है। कुछ लोग मानते हैं कि फोन ध्यान भटकाते हैं, जबकि कई लोगों का कहना है कि जरूरी कॉल या मैसेज मिस हो जाना मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इसी बीच एक कंपनी से जुड़ा मजेदार मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। यहां एक नए मैनेजर ने सख्त नियम बनाकर ऑफिस में फोन पर पूरी तरह रोक लगा दी। लेकिन हालात ऐसे बने कि वही नियम उसी पर भारी पड़ गया और उसे अपना फैसला वापस लेना पड़ा।
नए मैनेजर ने लगाया फोन पर बैन
रेडिट पर शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, एक कंपनी में नया मैनेजर आया। उसने देखा कि एक कर्मचारी ऑफिस टाइम में प्राइवेट मैसेज देख रहा है। इससे नाराज होकर उसने तुरंत सभी कर्मचारियों को ईमेल भेजा और आदेश दिया कि सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कोई भी फोन का इस्तेमाल नहीं करेगा। फोन या तो कार में या लॉकर में छोड़ना होगा। उसने साफ लिखा था कि इसमें नो एक्सेप्शन यानी कोई भी बहाना नहीं चलेगा।
सर्वर डाउन और मैनेजर की टेंशन
शुरुआत में सभी कर्मचारी इस नियम को मान गए, लेकिन असली दिक्कत 16 अगस्त को सामने आई। उस दिन शाम 4:45 बजे कंपनी का सर्वर डाउन हो गया। मैनेजर घर से काम कर रहा था और बार-बार IT सपोर्ट कर्मचारी को कॉल करता रहा। लेकिन कर्मचारी ने कॉल रिसीव नहीं किया, क्योंकि उसका फोन तो कार में रखा था। जब कर्मचारी शाम 5 बजे बाहर आया और फोन देखा, तो उस पर मैनेजर की 17 मिस्ड कॉल्स और पैनिक भरे मैसेज थे। मैनेजर ने गुस्से में पूछा कि कॉल क्यों नहीं उठाया। इस पर कर्मचारी ने शांति से जवाब दिया सर, आपने ही कहा था फोन इस्तेमाल नहीं करना है, नियम में साफ लिखा था- ‘नो एक्सेप्शन’। मैंने तो बस पॉलिसी फॉलो की।
पॉलिसी खत्म, फोन वापस डेस्क पर
इस घटना के बाद मैनेजर को समझ आया कि उसका नियम कितना गलत था। अगले ही दिन यानी 18 अगस्त को उसने नया ईमेल भेजकर आदेश वापस ले लिया। अब कर्मचारी अपने फोन डेस्क पर रख सकते थे, ताकि इमरजेंसी में काम आ सके। यानी फोन बैन की पॉलिसी खत्म हो गई और सबकुछ पहले जैसा हो गया।
इंटरनेट पर वायरल हुआ मामला
यह पोस्ट रेडिट पर Mother_Soraka नाम के यूजर ने शेयर की है, जिस पर हजारों लाइक्स और कमेंट्स आए। कई लोगों ने मजेदार प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने लिखा अगर मैं होता तो घर जाकर ही कॉल बैक करता। दूसरे ने तंज किया कि अगर कंपनी पर्सनल फोन पर कॉल करती है, तो उसे ऑफिस फोन भी देना चाहिए। वहीं, कुछ ने पूछा कि क्या ऑफिस में डेस्क फोन भी नहीं है या सबकुछ सिर्फ इंटरनेट और सर्वर पर निर्भर था।