जर्मनी महिलाएं लद्दाख में क्यों होना चाह रहीं हैं प्रेग्नेंट,
जानिए प्रेग्नेंसी टूरिज्म की हैरान कर देने वाली वजह
21 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Ladakh Pregnancy Tourism: लद्दाख में एक अनोखी प्रथा ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। यहां कुछ विदेशी महिलाएं खासतौर पर जर्मनी और यूरोप से प्रेग्नेंसी टूरिज्म के लिए आती हैं। इसका मकसद है कि वे स्थानीय पुरुषों से बच्चा पैदा करें और उनके कथित Pure Aryan Genes को अपने बच्चों में शामिल करें। लद्दाख के ब्रोकपा (Brogpa) समुदाय के पुरुष अपनी लंबाई, गोरे रंग और नीली आंखों की वजह से इस प्रथा के केंद्र में हैं। यह प्रथा अब चर्चा में है, क्योंकि यह नस्लीय शुद्धता, लोककथाओं और आर्थिक कारणों का मिश्रण बन गई है।
लद्दाख क्यों है खास लद्दाख के कुछ गांव जैसे दह, हानू, दारचिक और गारकोन में ब्रोकपा पुरुष रहते हैं। इन्हें Last Pure Aryans भी कहा जाता है। ये लोग बौद्ध धर्म से जुड़े हैं और खुद को सिकंदर महान के सैनिकों का वंशज मानते हैं। पुरुषों की लंबाई, नीली आंखें और गोरा रंग विदेशी महिलाओं को आकर्षित करता है। महिलाएं मानती हैं कि इससे उनके बच्चों में शुद्ध आर्यन जीन आएगा।
प्रेग्नेंसी टूरिज्म की प्रक्रिया विदेशी महिलाएं यहां आकर शारीरिक रूप से संगत पुरुष चुनती हैं। वे एक हफ्ते या उससे अधिक समय तक उनके साथ रहती हैं और बदले में पैसे या उपहार देती हैं। इस प्रथा के दौरान महिलाओं का उद्देश्य सिर्फ बच्चा पैदा करना है। हालांकि, स्थानीय लोग और अधिकारियों का कहना है कि यह प्रथा बहुत कम होती है और कभी-कभी इसे टूरिज्म बढ़ाने के लिए बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है।
लोककथाओं और वास्तविकता का मिश्रण ब्रोकपा समुदाय अपनी शुद्धता बनाए रखने के लिए कभी-कभी आपस में या निकटवर्ती आर्यन गांवों में शादी करता है। पुरुष टेपी और खास पोशाक पहनते हैं, जबकि महिलाएं भारी आभूषण और भेड़ की खाल का पहनावा करती हैं। प्रोफेसर मंज़ूर अहमद खान की रिसर्च के अनुसार, इन पुरुषों के ‘Pure Aryan’ होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
आर्थिक और ऐतिहासिक पहलू विदेशी महिलाओं के आने से ब्रोकपा समुदाय को अतिरिक्त आय मिलती है। इतिहास में हिटलर जैसी सोच ने Aryan Genes के विचार को लोकप्रिय बनाया, और आज भी कुछ लोग इसी के प्रभाव में आकर इस प्रथा का हिस्सा बनते हैं।