भूस्खलन बना बाधा: 4 घंटे के लिए रोकी गई केदारनाथ यात्रा,
यात्रियों से प्रशासन ने की सावधानी की अपील
1 months ago
Written By: NEWS DESK
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम की यात्रा एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गई है। बुधवार सुबह मुनकटिया के पास लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते तीर्थ यात्रा को 4 घंटे के लिए रोकना पड़ा। यहां भारी बारिश के चलते पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिर रहा है, जिससे मार्ग पर आवागमन खतरनाक हो गया है।
बार-बार बाधित हो रहा हाईवे
प्रशासन के अनुसार देर रात से मूसलधार बारिश हो रही थी, जिससे केदारनाथ हाईवे (सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग) बार-बार अवरुद्ध हो रहा है। बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे मुनकटिया क्षेत्र में पहाड़ी से भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा आने के कारण सड़क पूरी तरह बंद हो गई थी। एनएच विभाग की टीमों ने दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद सुबह 8:30 बजे मार्ग को साफ किया और यात्रियों को आगे बढ़ाया गया। लेकिन कुछ ही देर बाद मुनकटिया की पहाड़ी से फिर मलबा और पत्थर गिरने लगे। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा को रोक दिया और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।
काकड़ा गाड़ क्षेत्र भी बना खतरनाक
मिली जानकारी के अनुसार, केवल मुनकटिया ही नहीं, काकड़ा गाड़ क्षेत्र में भी लगातार भूस्खलन हो रहा है। यहां का मार्ग भी बार-बार बाधित हो रहा है और यात्रियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा बना हुआ है। स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को जान हथेली पर रखकर यात्रा करनी पड़ रही है।
पैदल यात्रा की चुनौती
वहीं, मार्ग के बार-बार बाधित होने की स्थिति में प्रशासन ने यात्रियों को सोनप्रयाग से मुनकटिया स्लाइडिंग जोन होते हुए गौरीकुंड तक पैदल जाने की सलाह दी है। इससे श्रद्धालुओं को 6 किलोमीटर अतिरिक्त पैदल सफर करना पड़ रहा है। कुल मिलाकर उन्हें करीब 24 किलोमीटर का ट्रैक तय करना होगा।
मौसम पर रखें नज़र, निर्देशों का पालन करें
वहीं, गौरीकुंड से केदारनाथ तक का पैदल मार्ग भी बारिश के कारण बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। प्रशासन और पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि, वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा की योजना बनाएं और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें।
बीकेटीसी ने श्रद्धालुओं से की सावधानी बरतने की अपील
वहीं, बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के सदस्य डॉ. विनीत पोस्ती ने जिला आपदा प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण कर यात्रा मार्ग की स्थिति का सीसीटीवी कैमरों से जायजा लिया। उन्होंने डीडीआरएन इंट्रानेट सिस्टम के जरिए देखा कि, कुछ श्रद्धालु ग्लेशियर पर चढ़कर फोटो खिंचवा रहे हैं, जिससे उन्हें जान का खतरा हो सकता है। जिसके बाद उन्होंने तीर्थयात्रियों से ग्लेशियर पर चढ़ने से बचने, गर्म जूते और रेनकोट का उपयोग करने और स्वास्थ्य की देखभाल करने की सलाह दी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि, प्रदेश सरकार, मंदिर समिति और जिला प्रशासन तीर्थ यात्रियों की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं।
यात्रा से पहले ये ध्यान रखें:
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मौसम पूर्वानुमान जरूर देखें
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प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें
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ग्लेशियर पर न जाएं
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गर्म कपड़े, रेनकोट, दवाएं साथ रखें
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पैदल मार्ग की तैयारी करके चलें