भारी बारिश और लैंडस्लाइड के चलते अस्थाई रूप से रोकी गई यात्रा,
40 से ज्यादा श्रद्धालुओं का रेस्क्यू
23 days ago
Written By: NEWS DESK
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश का असर चारधाम यात्रा पर साफ नजर आ रहा है। विशेषकर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मौसम की मार से श्रद्धालुओं की परेशानियां बढ़ गई हैं। ताजा हालात में सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच मुनकटिया इलाके में भारी भूस्खलन के चलते रास्ता पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। इसके चलते केदारनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है।
रास्ते में फंसे श्रद्धालु, राहत में जुटी टीमें
मिली जानकारी के मुताबिक, रास्ता टूटने की वजह से केदारनाथ धाम से लौट रहे 40 से अधिक श्रद्धालु रास्ते में फंस गए, जो बीती रात करीब 10 बजे से स्लाइड जोन में फंसे थे। घटना की सूचना मिलते ही NDRF और SDRF की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। टीमों ने मुश्किल परिस्थितियों में एक-एक करके सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
पहाड़ी से लगातार गिर रहा मलबा और बोल्डर
वहीं, बीते शनिवार की रात से ही मुनकटिया और सोनप्रयाग शटल सेवा वाहन क्षेत्र में ऊपरी पहाड़ियों से लगातार मलबा और भारी बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश थमने के बाद भी लैंडस्लाइड की आशंका बनी हुई है, इसलिए खतरे वाली जगहों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
दस दिन में दूसरी बार यात्रा बाधित
बताया जा रहा है कि, यह पिछले दस दिनों में दूसरी बार है जब केदारनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से रोकना पड़ा है। इससे पहले भी सोनप्रयाग क्षेत्र में खराब मौसम के कारण यात्रा को कुछ समय के लिए रोका गया था। वर्तमान में भी मौसम की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है और प्रशासन श्रद्धालुओं से मौसम की स्थिति देखकर ही यात्रा पर निकलने की अपील कर रहा है।
पिछली वर्ष भी हुआ था बड़ा नुकसान
गौरतलब है कि, 31 जुलाई 2024 को भी भारी आपदा के चलते सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर करीब 6 किमी तक हाईवे ध्वस्त हो गया था, जिसमें हजारों यात्री फंस गए थे। उस वक्त भी बड़े पैमाने पर रेस्क्यू अभियान चलाना पड़ा था।
प्रशासन की सलाह
वहीं, प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा लोगों को सलाह दी गई है कि, वे यात्रा से पहले मौसम का पूर्वानुमान जरूर देखें और भारी बारिश के दौरान पहाड़ी इलाकों में न जाएं। बारिश के मौसम में लैंडस्लाइड का खतरा हमेशा बना रहता है, ऐसे में सतर्क रहना बेहद ज़रूरी है।