केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा फिर से शुरू,
हादसे के बाद सरकार ने दी सख्त हिदायत
1 months ago
Written By: NEWS DESK
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवाएं अब फिर से बहाल कर दी गई हैं। रविवार को केदारनाथ में हुए दर्दनाक हेलीकॉप्टर हादसे में सात लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर हेलीकॉप्टर सेवा को दो दिन के लिए स्थगित कर दिया था। हादसे के बाद यात्रा और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठे। जिसके बाद अब सरकारी गाइड लाइनों पर अब सख्ती से अमल किया जा रहा है।
हादसे के बाद बड़ा कदम
दरअसल, रविवार को केदारनाथ घाटी में एक निजी हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट समेत सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) ने तत्काल हेलीकॉप्टर सेवाओं को स्थगित कर दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए और हवाई सेवाओं के समन्वय के लिए "कमांड एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर" बनाने के निर्देश दिए।
DGCA के नियमों के अनुसार उड़ानें
वहीं UCADA की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनिका ने जानकारी दी कि अब से सभी हेलीकॉप्टर सेवाएं DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) की गाइडलाइनों के अनुसार ही संचालित होंगी। सभी ऑपरेटरों और पायलटों के हाई-हिमालयन उड़ान अनुभव की जांच की जा रही है। यदि कोई नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उड़ानों को मौसम के हालात देखते हुए ही स्वीकृति दी जाएगी और सभी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जाएगी।
मुख्यमंत्री का भरोसा
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हेलीकॉप्टर सेवाएं फिर से शुरू हो चुकी हैं और सरकार उनकी यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
वहीं, इस बीच, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हाल के हेलिकॉप्टर हादसों पर स्वतः संज्ञान लिया है और सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या सभी एजेंसियां नियमों का पालन कर रही हैं ? गौरतलब है कि बीते दो महीनों में राज्य में हुए अलग-अलग हेलिकॉप्टर हादसों में कुल 13 लोगों की जान जा चुकी है। सरकार की ओर से लिए गए ये फैसले अब यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि श्रद्धालु न सिर्फ अपनी आस्था की यात्रा पूरी कर सकें, बल्कि यह यात्रा सुरक्षित भी हो।