UNGA में जयशंकर का बड़ा बयान: पाकिस्तान दशकों से आतंकवाद का केंद्र,
पहलगाम हमला ताजा सबूत
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Jaishankar at UNGA: न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार, 27 सितंबर को पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। 16 मिनट लंबे अपने भाषण में उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे ऐसा पड़ोसी बताया जो दशकों से वैश्विक आतंकवाद का केंद्र रहा है। जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी आजादी के समय से ही इस चुनौती का सामना कर रहा है क्योंकि उसका पड़ोसी आतंकवाद को बढ़ावा देता आया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कई बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी हमलों के पीछे उसी देश का हाथ रहा है और संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिकों के नाम दर्ज हैं।
पहलगाम हमले का उदाहरण दिया भाषण के दौरान विदेश मंत्री ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि इस साल अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या सीमा पार से आने वाली बर्बरता का ताजा उदाहरण है। जयशंकर ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार इस्तेमाल किया और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।
आतंकवाद को लेकर सख्त संदेश जयशंकर ने कहा कि जब कोई देश खुलेआम आतंकवाद को अपनी नीतियों का हिस्सा बनाता है, जब आतंकवादी ठिकाने बड़े पैमाने पर चलाए जाते हैं और जब आतंकियों का सार्वजनिक रूप से महिमामंडन होता है, तो ऐसे कदमों की स्पष्ट निंदा होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि आतंकवाद की फंडिंग को भी पूरी तरह रोका जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देशों का समर्थन करते हैं, उन्हें भी इसके नतीजे भुगतने होंगे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग विदेश मंत्री ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि UNSC में स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के सदस्यों की संख्या बढ़नी चाहिए। भारत सुधारित परिषद का हिस्सा बनकर अपनी जिम्मेदारियां निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
मानवीय सहयोग का भी जिक्र अपने भाषण के अंतिम हिस्से में जयशंकर ने भारत की मानवीय नीतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में अफगानिस्तान और म्यांमार में आए भूकंपों के समय भारत ने तुरंत मदद पहुंचाई। यह भारत की विदेश नीति का मूल आधार है कि कठिन समय में अपने पड़ोसियों और जरूरतमंद देशों की सहायता की जाए।