विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहुंचे बीजिंग, 2020 के बाद पहली चीन यात्रा,
रिश्तों को सामान्य करने पर दिया जोर
12 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
S. Jaishankar: बीजिंग में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मौजूदगी इन दिनों खास चर्चा का विषय बनी हुई है। यह उनकी पहली चीन यात्रा है जब से साल 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद भारत और चीन के रिश्तों में खटास आ गई थी। जयशंकर इस दौरे में द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और सामान्य बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और इस दौरान दोनों देशों के बीच खुले और ईमानदार संवाद की जरूरत पर बल दिया।
सिर्फ सामान्य रिश्ते ही ला सकते हैं दोनों देशों के लिए फायदे
बीजिंग में दिए गए अपने भाषण में विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के लिए रिश्तों को सामान्य बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक आपसी संबंध सामान्य नहीं होंगे, तब तक परस्पर लाभकारी परिणाम नहीं मिल सकते। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत और चीन दोनों ही बड़े और महत्त्वपूर्ण देश हैं, और ऐसे में एक-दूसरे की बातों और दृष्टिकोण को समझने की प्रक्रिया बेहद ज़रूरी है।
चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से हुई मुलाकात
जयशंकर की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब उन्होंने बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे तनावपूर्ण हालात के बीच एक सकारात्मक पहल मानी जा रही है। इस बातचीत में उन्होंने रिश्तों की सामान्य स्थिति बहाल करने की इच्छा जाहिर की और बताया कि इस दौरे में वे आपसी मतभेदों को दूर करने और सहमति के बिंदुओं पर चर्चा के लिए तत्पर हैं।
संवाद से सुलझ सकते हैं विवाद
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि इस यात्रा के दौरान वे खुले विचार-विमर्श की उम्मीद करते हैं जिससे दोनों देशों को आपसी समझ बढ़ाने का मौका मिलेगा। उनका मानना है कि बातचीत और परस्पर संवाद से ही जटिल मुद्दों को हल किया जा सकता है। जयशंकर की यह यात्रा भारत-चीन संबंधों में एक नई शुरुआत का संकेत हो सकती है, जिसमें भविष्य के लिए शांति और सहयोग की उम्मीद की जा रही है।