अस्पताल में 10 साल के बच्चे की लाश से निकाल ली गई आंखें…
अंतिम संस्कार में खुला भयानक सच, परिवार में मचा कोहराम
24 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Rajasthan News: राजस्थान के करौली जिले के टोडाभीम इलाके से एक दुखद खबर सामने आई है, जिसने हर किसी को झकझोर दिया। 10 वर्षीय मासूम समर मीना की मौत सिर पर लोहे की चादर गिरने से हुई, लेकिन परिवार के लिए सबसे बड़ा सदमा तब आया जब अंतिम संस्कार के दौरान यह पता चला कि बच्चे की दोनों आंखें बिना अनुमति के निकाल ली गई थीं। परिजन अब इस पूरे मामले में न्याय की गुहार लगा रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं।
हादसा और समर की मौत समर अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था, तभी अचानक ऊपर से भारी लोहे की चादर गिर गई और सीधे उसके सिर पर आ गिरी। गंभीर हालत में पहले उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने तुरंत जयपुर रेफर कर दिया। रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। पिता किरोड़ी लाल मीना बेटे की जान बचाने की उम्मीद में जयपुर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
अंतिम संस्कार में उजागर हुई सच्चाई अंतिम संस्कार के लिए शव तैयार करते समय परिजनों ने देखा कि बच्चे की दोनों आंखें गायब थीं। जब मदनमोहन से सवाल किया गया, तो उसने बताया कि उसने बच्चे की आंखें दान कर दी हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में न तो परिवार की अनुमति ली गई और न ही कोई कानूनी प्रक्रिया पूरी हुई। यह मामला अवैध कारोबार की ओर इशारा करता है।
FIR और जांच परिवार ने 2 अक्टूबर 2025 को जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल थाने में मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत FIR दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में यह सामने आया कि परिवार को आई डोनेट सर्टिफिकेट दिया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि आंखें निकालना बिना डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत के संभव नहीं।
परिवार की मांग और न्याय की गुहार परिजन आरोप लगाते हैं कि यह कोई लापरवाही नहीं, बल्कि योजनाबद्ध अपराध है। मासूम बेटे की मौत और उसकी आंखों के गायब होने की क्रूरता ने परिवार को और टूटकर रख दिया। किरोड़ी लाल मीना और उनका परिवार चाहते हैं कि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो और भविष्य में किसी और परिवार के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार न हो।