भारत में प्रवेश पर मिली स्पेशल परमिशन,
क्या तालिबान को मान्यता देने जा रही है मोदी सरकार
20 days ago Written By: Ashwani Tiwari
अफगानिस्तान पर 2021 से शासन कर रहा तालिबान अब शायद भारत की कूटनीतिक मान्यता की ओर एक कदम बढ़ा चुका है। तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी (Amir Khan Muttaqi) 9 अक्टूबर को भारत यात्रा पर आ रहे हैं। यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक मानी जा रही है, क्योंकि मुत्ताकी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंधित आतंकी सूची में रखा है और उनके यात्रा करने पर बैन है। इसके बावजूद उन्हें भारत आने के लिए स्पेशल परमिशन दी गई है। इस कदम से माना जा रहा है कि भारत अब तालिबान से औपचारिक बातचीत शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
जयशंकर से होगी मुलाकात, मिलेगा पूरा राजनयिक सम्मान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुत्ताकी को भारत में एक विदेश मंत्री के तौर पर पूरा प्रोटोकॉल दिया जाएगा। यानी उन्हें आधिकारिक मेजबानी, सुरक्षा और राजनयिक सम्मान मिलेगा। 10 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस. जयशंकर हैदराबाद हाउस में उनका स्वागत करेंगे। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और मानवीय सहायता जैसे मुद्दों पर बातचीत होगी। हालांकि, कई पूर्व भारतीय राजनयिकों ने चेतावनी दी है कि भारत को किसी भी ऐसे कदम से बचना चाहिए जिससे लगे कि वह तालिबान को औपचारिक मान्यता दे रहा है। वहीं, तालिबान विरोधी एक पूर्व अफगान मंत्री ने कहा कि यह यात्रा किसी क्षेत्रीय शक्ति प्रतिस्पर्धा का मंच नहीं बननी चाहिए।
झंडे पर भी रहेगा सबकी नजर 7 अक्टूबर को रूस में हुए मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन में भारत के राजदूत विनय कुमार ने भी हिस्सा लिया था, जहां अफगान प्रतिनिधि मुत्ताकी तालिबान के काले-सफेद झंडे के तले उपस्थित हुए। यह वही झंडा है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अभी तक मान्यता नहीं दी है संयुक्त राष्ट्र अब भी पुराने लाल-काले-हरे झंडे को ही मान्यता देता है। भारत यात्रा के दौरान मुत्ताकी किस झंडे का इस्तेमाल करेंगे, यह अब एक अहम कूटनीतिक संकेत माना जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र से मिली विशेष अनुमति आमिर मुत्ताकी को भारत यात्रा की अनुमति 30 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति से मिली थी। इस यात्रा के दौरान उनके साथ कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे। सूत्रों के अनुसार, वे भारत में मौजूद अफगान व्यापारिक समूहों और अफगान नागरिकों से भी मुलाकात कर सकते हैं। यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भी मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंच रहे हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मुत्ताकी की मुलाकात पीएम मोदी से होगी या नहीं। यह पूरी यात्रा दक्षिण एशिया की राजनीति और भारत-अफगान रिश्तों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।