सिंदूर का बदला सिंदूर से, 15 दिन बाद भारत ने लिया पहलगाम का बदला,
PoK-पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने तबाह, पाक में मची खलबली
2 months ago
Written By: News Desk
नई दिल्ली: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बुधवार देर रात डेढ़ बजे पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल दागे। इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत उन आतंकियों को जवाब दिया गया है, जिन्होंने धर्म पूछकर यात्रियों को मारा और भारत की बेटियों की मांग उजाड़ी थी।
भारत ने तबाह किया आतंकी संगठनों का मुख्यालय
ये स्ट्राइक बहावलपुर, मुरीदके, बाघ, कोटली, गुलपुर और मुजफ्फराबाद जैसे इलाकों में की गई। इस ऑपरेशन सिंदूर में 30 की मौत हुई और 12 लोग घायल हुए। भारत ने साफ कहा कि ये हमला पाकिस्तान की सेना पर नहीं बल्कि आतंक के अड्डों पर किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, जैश और लश्कर के ये अड्डे भारत में आतंकी हमलों की साजिशें रचने और उन्हें अंजाम देने में इस्तेमाल हो रहे थे। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, हमले में इन आतंकी संगठनों के मुख्यालय तबाह कर दिए गए हैं।
पाक में मची खलबली
भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में अफरातफरी मच गई। पाकिस्तान सरकार और मीडिया ने हमलों को लेकर अलग-अलग दावे किए: रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बोले, “भारत ने अपनी सीमा से मिसाइलें दागीं, जो नागरिक इलाकों में गिरीं।” तो वहीं PTV न्यूज ने कहा, “हमले में 2 भारतीय फाइटर जेट गिरा दिए गए और कुछ मस्जिदों को भी नुकसान पहुंचा।” जबकि ISPR डायरेक्टर जनरल अहमद शरीफ ने सुबह 5 बजे बताया कि भारत ने 6 जगहों पर 24 मिसाइलें दागीं। जिसमें 8 नागरिक मारे गए, 35 घायल और 2 लापता हैं।”
हमले को लेकर ट्रम्प का बड़ा बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह शर्मनाक है। लोगों को पहले से अंदाजा था कि कुछ बड़ा होने वाला है। भारत और पाकिस्तान दशकों से लड़ते आ रहे हैं, उम्मीद है कि यह जल्द खत्म होगा।”
पहलगाम का बदला 'सिंदूर'
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्टों पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 26 टूरिस्ट मारे गए थे। इस आतंकी हमले में आतंकियों ने यात्रियों से धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी थी। इस हमले की जिम्मेदारी The Resistance Front (TRF) ने ली थी, लेकिन बाद में बयान से पलट गए थे।
भारत ने किन ठिकानों को चुना और क्यों?
बहावलपुर अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर दूर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है, जहां से कई बड़े आतंकी हमलों की साजिशें रची गई थीं। मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का बेस है, ये वही जगह है जहां से मुंबई हमले के टेररिस्ट आए थे। गुलपुर से पुंछ और तीर्थयात्रियों पर हुए हमलों की प्लानिंग हुई थी। सवाई, बिलाल, सरजाल और बरनाला जैसे ठिकानों से आतंकियों को ट्रेनिंग और लॉन्च किया जाता था। महमूना में हिजबुल्ला का ट्रेनिंग सेंटर है, जो सियालकोट के पास स्थित है।