भारत में दौड़ेगी तूफानी बुलेट ट्रेन, हवाई जहाज जैसी रफ्तार,
मुंबई से अहमदाबाद का सफर सिर्फ 2 घंटे में संभव
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Bullet Train: भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है। खासतौर पर रेलवे और रोड प्रोजेक्ट्स पर लाखों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इन्हीं में से एक है मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, जिसका काम तेजी से चल रहा है और आने वाले महीनों में यह ट्रेन पटरियों पर दौड़ सकती है। इस बीच एक और बड़ी खबर सामने आई है। सबकुछ ठीक रहा तो भारत में जल्द ही अगली पीढ़ी की बुलेट ट्रेन का निर्माण शुरू हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान इस बाबत समझौते की पूरी संभावना जताई जा रही है।
भारत-जापान कर सकते हैं बड़ा समझौता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और जापान ई-10 शिंकानसेन बुलेट ट्रेन का निर्माण भारत में करने पर जल्द ही औपचारिक ऐलान कर सकते हैं। पीएम मोदी की दो दिवसीय जापान यात्रा के दौरान यह समझौता होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच इस साझेदारी पर सिद्धांत रूप से सहमति बन चुकी है। यह ट्रेन जापान की ALFA-X तकनीक पर आधारित होगी और इसे भारतीय परिस्थितियों के अनुसार ढाला जाएगा।
मुंबई-अहमदाबाद प्रोजेक्ट को मिलेगी मजबूती
फिलहाल अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट 508 किलोमीटर लंबा है। उम्मीद है कि 2027 तक इसका पहला 50 किलोमीटर का खंड गुजरात में चालू हो जाएगा, जबकि 2029 तक पूरा प्रोजेक्ट पूरा होने का लक्ष्य है। नए करार से इस प्रोजेक्ट को और मजबूती मिलेगी।
400 किमी प्रति घंटा की रफ्तार वाली ट्रेन
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ई-10 शिंकानसेन की रफ्तार 400 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। जबकि पहले भारत के लिए ई-5 शिंकानसेन (320 किमी/घंटा) पर विचार किया गया था। पीएम मोदी की पहल और जापान से उनके गहरे रिश्तों की वजह से भारत को यह आधुनिक तकनीक मिल रही है। इस साझेदारी को मारुति-सुजुकी जॉइंट वेंचर जितना ही ऐतिहासिक माना जा रहा है, फर्क सिर्फ इतना है कि इसका पैमाना और रणनीतिक महत्व कहीं ज्यादा है।
भारत को मिलेगा बड़ा लाभ
इस प्रोजेक्ट से भारत की तेज़ी से बढ़ती परिवहन ज़रूरतें पूरी होंगी। साथ ही यहां बनी बुलेट ट्रेनें अन्य देशों को भी सप्लाई की जा सकेंगी। भारत की सस्ती मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और जापान की विश्वस्तरीय तकनीक मिलकर इसे एक उत्कृष्ट प्रोजेक्ट बनाएंगी। पीएम मोदी अपने जापानी समकक्ष शिगेरू इशिबा के साथ बिज़नेस फोरम और वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा वे शिंकानसेन ट्रेन से सेनदाई जाएंगे, जहां एक सेमीकंडक्टर फैक्ट्री का दौरा करेंगे।
सुरक्षा पर रहेगा खास जोर
जापानी पक्ष का मानना है कि भारत में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क बनाते समय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। गौर करने वाली बात है कि 1964 से अब तक शिंकानसेन का सुरक्षा रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है और अभी तक किसी यात्री की जान ट्रेन हादसे में नहीं गई है। यह रिकॉर्ड भारत के लिए भी प्रेरणा बनेगा।