भारत ने बनाया S-500 का भी मुकाबला करने वाला IADWS, ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें भी होगी बेअसर,
चीन-पाकिस्तान की बढ़ेगी मुश्किल
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ओडिशा तट पर शनिवार को स्वदेशी रूप से विकसित इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का पहला परीक्षण किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। यह प्रणाली न केवल भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगी, बल्कि रूस के S-500 जैसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों को भी पीछे छोड़ने की क्षमता रखती है। IADWS ब्रह्मोस मिसाइलों सहित ड्रोन और हाई-स्पीड दुश्मन विमानों को आसमान में ही नष्ट करने में सक्षम है। यह भारत के रक्षा कवच को चीन और पाकिस्तान के किसी भी हवाई हमले के खिलाफ मजबूत बनाएगी।
बहुस्तरीय सुरक्षा ढाल
IADWS एक बहुस्तरीय रक्षा प्रणाली है, जिसमें तीन अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकें शामिल हैं। इनमें QRSAM (Quick Reaction Surface-to-Air Missile), VSHORADS (Very Short Range Air Defence System) और DEW (High-Power Laser-Based Directed Energy Weapon) शामिल हैं। QRSAM मध्यम दूरी के खतरों को रोकने में सक्षम है, VSHORADS नजदीकी खतरों से सुरक्षा देता है, जबकि DEW लेजर तकनीक के माध्यम से बेहद सटीक और त्वरित हमले कर सकती है। यह प्रणाली ड्रोनों, मिसाइलों और स्टील्थ तकनीक वाले F-35 और Su-57 जैसे विमानों को भी ट्रैक और नष्ट कर सकती है।
वैश्विक स्तर पर भारत की मजबूती
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह परीक्षण भारत की बहुस्तरीय वायु रक्षा क्षमता को मजबूत करेगा और क्षेत्रीय सुरक्षा को बेहतर बनाएगा। IADWS की सफलता DRDO की तकनीकी दक्षता का प्रमाण है और यह प्रणाली भारत की रक्षा जरूरतों के साथ-साथ भविष्य में अन्य देशों को निर्यात करने की संभावनाओं को भी बढ़ाएगी। यह ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को मजबूत करते हुए भारत को वैश्विक रक्षा परिदृश्य में एक शक्तिशाली खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी।
S-500, F-35 और Su-57 के लिए चुनौती
IADWS अपनी बहुस्तरीय और लेजर-आधारित तकनीक के कारण रूस के S-500 और अन्य उन्नत विमानों के लिए चुनौती पेश करती है। DEW तकनीक बिना किसी पारंपरिक मिसाइल के तेजी से सटीक हमले करने में सक्षम है। यह भारत को आधुनिक और आत्मनिर्भर वायु रक्षा प्रणाली में एक नया मुकाम दिलाती है।