नीति आयोग की चौंकाने वाली सिफारिश, चीन को दो भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने की छूट,
आखिर क्या है मजबूरी
5 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Indian Think Tank Recommends: भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हजारों चीनी कंपनियों को भारत से बाहर कर दिया था। लेकिन अब एक बार फिर चीन की कंपनियों के लिए भारत के दरवाजे खुल सकते हैं। सरकार के थिंक टैंक माने जाने वाले नीति आयोग ने एक नई सिफारिश दी है, जिसमें कहा गया है कि चीन की कंपनियों को भारतीय कंपनियों में बिना पूर्व अनुमति के 24 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दी जानी चाहिए। हालांकि इसके लिए सख्त जांच प्रक्रिया की शर्त भी रखी गई है।
क्या दिया है नीति आयोग ने सुझाव
तीन सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि फिलहाल चीन की कंपनियों द्वारा किए जाने वाले किसी भी निवेश की गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अन्य एजेंसियां मिलकर गंभीरता से जांच करती हैं। लेकिन अब नीति आयोग ने सरकार को सुझाव दिया है कि बिना मंजूरी के भी 24 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीदने की छूट दी जाए। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा मिल सकता है। इस सिफारिश पर अब वाणिज्य मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय भी विचार कर रहे हैं।
क्या फैसला लेगी सरकार
हालांकि नीति आयोग की सिफारिशें अंतिम नहीं होतीं, लेकिन यह सुझाव ऐसे समय पर आया है जब भारत और चीन के रिश्ते 2020 की गलवान घाटी की झड़प के बाद से तनाव में हैं। सूत्रों की मानें तो उद्योग विभाग इस प्रस्ताव के पक्ष में है, लेकिन अन्य मंत्रालयों की राय आना अभी बाकी है। फैसला राजनीतिक स्तर पर लिया जाएगा और इसमें कुछ समय लग सकता है।
सरकार ने कब लगाया था निवेश पर रोक
भारत सरकार ने अप्रैल 2020 में एक सख्त नियम लागू किया था, जिसके तहत भारत की सीमा से जुड़े देशों को सीधे निवेश के लिए सरकारी अनुमति जरूरी कर दी गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा था। इसी नियम के तहत 2023 में चीनी ई-कार कंपनी बीवाईडी के 1 अरब डॉलर के निवेश प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया था।
विदेशी निवेश में गिरावट
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर विदेशी निवेश में गिरावट देखी गई है। भारत में भी FDI में कमी आई है। जहां 2021 में निवेश 44 अरब डॉलर था, वहीं पिछले साल यह घटकर मात्र 35.3 करोड़ डॉलर रह गया। भारत और चीन अपने आपसी संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 5 साल बाद चीन की यात्रा की थी।
कौन-कौन सी चीनी कंपनियां आना चाहती हैं भारत
कई बड़ी चीनी कंपनियां भारत में निवेश की तैयारी में हैं। अलीबाबा और टेनसेंट पहले से ही भारत में कुछ कंपनियों में निवेश कर चुके हैं और आगे भी निवेश करना चाहते हैं। हुआवेई, बीवाईडी, डिडी चुयिंग, ट्रिना सोलर, जिंको सोलर, सान्य हेवी इंडस्ट्री, डालियान वांडा, पैसिफिक कंस्ट्रक्शन और चाइना फॉर्च्यून लैंड डेवलपमेंट जैसी कंपनियां भी भारत में निवेश के लिए इच्छुक हैं।