गुजरात प्लेन हादसे से पहले ऐसा क्या बोला पायलट की मच गई खलबली…?
जाने क्यों होता है इसका प्रयोग…?
1 months ago
Written By: NEWS DESK
आज दोपहर गुजरात के अहमदाबाद में एक बड़ा विमान हादसा हुआ। एअर इंडिया का बोइंग 737 पैसेंजर प्लेन टेकऑफ के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास क्रैश हो गया। हादसे के बाद विमान में भीषण आग लग गई और चारों तरफ धुएं का गुबार छा गया। इस विमान में कुल 242 यात्री सवार थे। वहीं इस हादसे में एबीएन सभी 242 लोगों की मौत की खबर आ रही है। वहीं इस हादसे से पहले एक शब्द ने सबका ध्यान खींचा "Mayday-Mayday" । बताया जा रहा है कि, जैसे ही एयर इंडिया के बोइंग विमान ने उड़ान भरी, पायलट ने रेडियो पर यही शब्द दोहराया। यह कोई आम शब्द नहीं था, बल्कि एक इमरजेंसी सिग्नल था, जो बताता है कि विमान और उसमें सवार 242 लोगों की जान खतरे में है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह शब्द क्यों बोला जाता है? इसका मतलब क्या होता है? और इसकी शुरुआत कब हुई थी? आइए जानते हैं इस शब्द के पीछे की पूरी कहानी…
कब बोलते हैं Mayday..?
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, Mayday शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी विमान या जहाज को गंभीर संकट का सामना करना पड़ता है। यह एक डिस्ट्रेस कॉल होती है, जिसका मकसद होता है– तत्काल मदद की मांग। पायलट जब "Mayday" कहता है, तो एयर ट्रैफिक कंट्रोल को यह संकेत मिल जाता है कि, मामला बेहद गंभीर है और उड़ान में कोई ऐसी तकनीकी या अन्य समस्या आई है, जिससे जानमाल का खतरा हो सकता है। इसलिए जैसे ही पायलट ने अहमदाबाद में टेकऑफ के दौरान खतरे को भांपा, उन्होंने "Mayday-Mayday" कहकर इमरजेंसी की घोषणा की।
कितने बार बोलते हैं Mayday…?
दरअसल इमरजेंसी की स्थिति में यह शब्द केवल एक बार नहीं बोला जाता, बल्कि इसे तीन बार दोहराना अनिवार्य होता है। इसके पीछे एक तकनीकी कारण होता है। रेडियो संपर्क के दौरान शोर, हस्तक्षेप या नेटवर्क की दिक्कत हो सकती है, जिससे संदेश ठीक से न सुनाई दे। ऐसे में तीन बार "Mayday" कहने से यह स्पष्ट हो जाता है कि यह कोई सामान्य कॉल नहीं, बल्कि एक इमरजेंसी कॉल है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर तुरंत रिस्पॉन्स किया जाना चाहिए।
कैसे हुई थी इसकी उत्त्पत्ति…?
अब बात करते हैं इस शब्द की शुरुआत की। Mayday शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के शब्द “m’aider” से हुई है, जिसका अर्थ होता है – “मेरी मदद करो”। साल 1920 में लंदन के क्रॉडॉन एयरपोर्ट पर कार्यरत रेडियो ऑपरेटर फ्रेडरिक स्टैनली मॉकफोर्ड ने पहली बार इसका प्रयोग किया था। उस समय फ्रेंच और अंग्रेजी, दोनों भाषाएं एयर ट्रैफिक कम्युनिकेशन में इस्तेमाल होती थीं। इसलिए "m’aider" से प्रेरित होकर एक ऐसा शब्द गढ़ा गया, जो दोनों भाषाओं में आसानी से समझा जा सके—और वहीं से आया "Mayday"।
कब प्रयोग होता है ये शब्द…?
यह शब्द आमतौर पर तभी प्रयोग होता है जब हालात इतने खराब हों कि पायलट चाहकर भी सबकुछ सामान्य नहीं रख सकता। इसलिए, यात्रियों को घबराने से बचाने के लिए पायलट सीधे विमान में मौजूद लोगों को समस्या नहीं बताता, बल्कि रेडियो पर “Mayday” कॉल कर देता है ताकि ग्राउंड टीम को इशारा मिल जाए और तुरंत मदद भेजी जा सके। अहमदाबाद हादसे में भी ऐसा ही हुआ। टेकऑफ के दौरान जैसे ही विमान में तकनीकी खराबी आई, पायलट ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए तुरंत "Mayday" कॉल दिया। यह साबित करता है कि उन्होंने अंतिम क्षण तक यात्रियों की जान बचाने की पूरी कोशिश की। विमानन इतिहास में "Mayday" शब्द न जाने कितनी बार लोगों की ज़िंदगी बचाने में मददगार साबित हुआ है। यह सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि संकट की घड़ी में उम्मीद की पहली आवाज़ है।