क्या सच में 22 सितंबर तक घट जाएंगे रोजमर्रा के सामान,
साबुन-तेल से लेकर टीवी-फ्रिज और गाड़ियां, जानें कैसे मिलेगा फायदा
4 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
GST New Rate : केंद्र सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए करीब 400 वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में कटौती का ऐलान किया है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। खाने-पीने की चीज़ों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, गाड़ियां, होटल और बीमा तक कई क्षेत्रों में इसका असर दिखेगा। सरकार चाहती है कि इस कटौती का सीधा लाभ ग्राहकों तक पहुंचे और 22 सितंबर से दुकानों और बाजारों में नए दाम नज़र आने लगें। हालांकि चुनौती यह है कि कंपनियां और दुकानदार पहले से मौजूद पुराने स्टॉक की कीमत कैसे घटाएंगे।
कंपनियों और दुकानदारों के सामने चुनौती
दुकानों और गोदामों में पहले ही हजारों टन पुराना स्टॉक मौजूद है, जिन पर पुरानी दरों का टैग छपा हुआ है। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कंपनियां और वितरक मिलकर कीमतों को कैसे घटाएंगे। क्योंकि जीएसटी सिस्टम में एक बार बिलिंग हो जाने के बाद पुरानी दर ही लागू होती है।
कैसे मिलेगा ग्राहकों को फायदा
कंपनियां इसके लिए प्राइस एडजेस्टमेंट का तरीका अपनाएंगी। यानी वे डीलरों को क्रेडिट नोट जारी करेंगी, जिससे डीलरों का नुकसान न हो और ग्राहक को नया सस्ता दाम मिल सके। बड़ी रिटेल चेन जैसे बिग बाजार, रिलायंस या डीमार्ट अपने बिलिंग सॉफ्टवेयर अपडेट कर लेंगी, जिससे 22 सितंबर से बिल पर सीधे नई दरें दिखेंगी। वहीं, छोटे दुकानदारों को इसमें थोड़ी दिक्कत आएगी। साबुन, शैंपू और टूथपेस्ट जैसे सामानों पर कंपनियां नई एमआरपी वाले स्टिकर चिपकाएंगी। कई कंपनियां पैक का वजन बढ़ाकर भी फायदा ग्राहकों तक पहुंचा सकती हैं।
किन क्षेत्रों में दिखेगा असर
- रोजमर्रा का सामान (FMCG): नमकीन, बिस्किट और पर्सनल केयर प्रोडक्ट सस्ते होंगे।
- कंज्यूमर ड्यूरेबल्स: टीवी, फ्रिज, एसी जैसी चीज़ों पर टैक्स 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। उदाहरण के लिए, 20,000 रुपये के एसी पर अब 2,000 रुपये तक सस्ता पड़ेगा।
- होटल और यात्रा: 7,500 रुपये तक के होटल कमरे अब 12% की बजाय 5% टैक्स पर मिलेंगे। लेकिन हवाई यात्रा में प्रीमियम क्लास टिकट महंगे होंगे।
- बीमा: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पूरी तरह टैक्स-फ्री होंगे, जिससे 18% की सीधी बचत होगी।
ऑटो सेक्टर: कारें सस्ती होंगी, लेकिन डीलरों के पास पुराना स्टॉक होने से उन्हें नुकसान का डर है।