भारत-पाक सीजफायर में मध्यस्थता नहीं,
सिर्फ मदद की, डोनाल्ड ट्रंप का यू-टर्न
2 months ago
Written By: NEWS DESK
Trump Backtrack: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर दिए अपने पुराने बयान से यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने अब साफ कहा है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता नहीं की, बल्कि मदद की थी जिससे तनाव कम हो सका। उन्होंने दावा किया है कि, उन्होंने दोनो देशों से युद्ध के स्थान पर व्यापार करने की बात कही थी। जिसके बाद उनके इस बयान को लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं ट्रंप के पुराने और नए बयानों के बीच काफी अंतर देखा जा रहा है।
15 मई को दिए गए बयान में ट्रंप ने क्या कहा ?
15 मई को क़तर में दिए गए अपने बयान में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि "मैं ये नहीं कहता कि ये मैंने किया, लेकिन ये पक्का है कि पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान के बीच जो हुआ, मैंने उसे सुलझाने में मदद की। बात और बिगड़ सकती थी। दोनों देशों ने अचानक मिसाइल दागना शुरू कर दिया था और हमने सब सैटल कर दिया।"
10 मई को कहा था- अमेरिका की मध्यस्थता में हुआ सीजफायर
दरअसल आज का ट्रंप का यह बयान उनके 10 मई के उस दावे के बिल्कुल उलट है, जिसमें उन्होंने कहा था, "मुझे यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि अमेरिका की मध्यस्थता में लंबी बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। दोनों देशों को समझदारी दिखाने के लिए बधाई।"
"युद्ध नहीं, व्यापार करो"
कतर में ट्रंप ने आगे बताया कि उन्होंने दोनों देशों से युद्ध नहीं, व्यापार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि, "मैंने दोनों से व्यापार पर बात की। कहा कि मिसाइलों की जगह उन चीजों का व्यापार करो, जिन्हें तुम खूबसूरती से बनाते हो। पाकिस्तान बहुत खुश था, भारत भी खुश था। लगता है वे सही रास्ते पर हैं।" ट्रंप ने कहा, "वे (भारत-पाकिस्तान) हजार सालों से लड़ रहे हैं। मैंने कहा, चलो इस लड़ाई को खत्म करते हैं। मैं कोई वादा नहीं कर रहा था, लेकिन फिर भी मैंने कोशिश की और मामला सुलझ गया। ये काफी मुश्किल था, क्योंकि बात नियंत्रण से बाहर हो सकती थी।"
"बिजनेस को बनाया सीजफायर का ज़रिया"
गौरतलब है कि ट्रंप ने 13 मई को व्यापार के जरिये युद्ध रोकने का दावा किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि, उन्होंने सीजफायर के लिए बिजनेस को टूल बनाया। उन्होंने कहा था कि, "मैंने कहा चलो दोस्तों, एक डील करते हैं। व्यापार करते हैं, युद्ध नहीं। दुनिया को इसकी ज़रूरत नहीं है।"