फ्लाइट कैंसिलेशन पर कड़ा एक्शन… DGCA ने IndiGo को दी सबसे बड़ी सज़ा, 5% शेड्यूल कट…
यात्रियों को मिलेगी राहत
6 days ago Written By: Ashwani Tiwari
भारत के एविएशन सेक्टर में इन दिनों बेहद तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। 2 दिसंबर से शुरू हुए बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन से लाखों यात्री परेशान हैं और एयरपोर्ट पर अव्यवस्था बढ़ती जा रही है। इसी बीच DGCA ने इंडिगो एयरलाइन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके फ्लाइट शेड्यूल में 5% की कटौती करने का आदेश दिया है। इसका मतलब है कि रोजाना चलने वाली लगभग 110 उड़ानें अब दूसरी एयरलाइंस को दी जा सकती हैं, ताकि यात्रियों को राहत मिले। DGCA का कहना है कि जब तक इंडिगो अपने क्रू, स्टाफ और ऑपरेशन को स्थिर नहीं कर लेता, उसे कम फ्लाइटों के साथ ही काम करना होगा।
इंडिगो पर कड़ी कार्रवाई, दूसरी एयरलाइंस भरेंगी जगह DGCA ने बताया कि इंडिगो पिछले कई दिनों से नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों, क्रू की कमी और लगातार हो रही रुकावटों से जूझ रहा था। इससे हजारों यात्रियों को लंबे इंतजार और कैंसिल फ्लाइट्स की समस्या का सामना करना पड़ा। व्यवस्था बनाए रखने के लिए DGCA चाहती है कि जो फ्लाइट्स कम की जाएंगी, उन्हें एयर इंडिया, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसी कंपनियां संभालें। एयर इंडिया ने घरेलू रूट्स पर वाइड-बॉडी प्लेन लगाना भी शुरू कर दिया है, जिससे ज्यादा यात्रियों को समायोजित किया जा सके।
किरायों पर नियंत्रण और रूट रेशनिंग DGCA ने किराए बढ़ाने पर सख्त रोक लगाई है। अब 500 किमी तक की उड़ान का अधिकतम किराया 7,500 और 1,000–1,500 किमी दूरी के लिए अधिकतम 15,000 तय किया गया है। यह फैसला इसलिए लिया गया, ताकि संकट के दौरान एयरलाइंस यात्रियों से मनमाना किराया न वसूल सकें।
इंडिगो का बचाव और DGCA की जांच इंडिगो ने DGCA को बताया कि समस्या कई कारणों के एक साथ होने से पैदा हुई है, जैसे मौसम, टेक्निकल दिक्कतें, विंटर शेड्यूल में बदलाव और नए FDTL नियम। एयरलाइन ने कहा कि इतने कम समय में पूरी रिपोर्ट देना संभव नहीं था, इसलिए उन्होंने DGCA से समय मांगा है। उधर DGCA ने चार सदस्यों की एक टीम बनाई है, जो इंडिगो के स्टाफ प्रबंधन, रोस्टरिंग और नए नियमों की तैयारी की जांच करेगी।
सरकार और सुप्रीम कोर्ट भी सख्त सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में कहा कि यदि इंडिगो की लापरवाही साबित होती है, तो उसके अकाउंटेबल मैनेजर को तीन साल की जेल या 1 करोड़ का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि अब तक 5,000 से ज्यादा उड़ानें कैंसल हो चुकी हैं और 6 लाख से अधिक यात्री प्रभावित हुए हैं।