नहीं चलेगा शादी तोड़ने का कोई भी आसान तरीका,
दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ किया- सिर्फ हिंदू मैरिज एक्ट से ही होगा तलाक मान्य
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Delhi High Court Rules: हिंदू विवाह को लेकर एक अहम फैसला दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि हिंदू विवाह केवल मैरिज डिसॉल्यूशन डीड पर गांव के लोगों और गवाहों के सामने हस्ताक्षर करके समाप्त नहीं किया जा सकता। जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि हिंदू विवाह केवल हिंदू मैरिज एक्ट के प्रावधानों के तहत ही कानूनी रूप से खत्म हो सकता है। यह आदेश ऐसे समय आया है जब कई लोग शॉर्टकट तरीके से शादी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या था मामला
दरअसल, यह मामला केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के एक कांस्टेबल से जुड़ा था। उस पर आरोप था कि उसने पहली शादी रहते हुए दूसरी शादी कर ली। CISF ने उसे नियम 2001 के रूल 182 के उल्लंघन के आधार पर सेवा से बर्खास्त कर दिया। कांस्टेबल का तर्क था कि उसने पहली शादी 15 अक्टूबर 2017 को गांव के लोगों और गवाहों के सामने डिसॉल्यूशन डीड पर साइन कर खत्म कर दी थी।
कोर्ट ने दलील को किया खारिज
कोर्ट ने कांस्टेबल की दलील को सिरे से खारिज कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि केवल गांव के लोगों के सामने डीड पर साइन करने से कोई वैधानिक विवाह खत्म नहीं हो सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि CISF नियमों का रूल 18 उन कर्मचारियों पर भी लागू होता है, जो सेवा में रहते हुए दूसरी शादी करते हैं।
पूर्व केस का हवाला
कोर्ट ने Ex. Head Constable Bazir Singh vs UOI केस का हवाला देते हुए कहा कि उसमें अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सजा दी गई थी। लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ता ने पर्याप्त सेवा अवधि पूरी नहीं की थी, इसलिए उसे कोई राहत नहीं दी जा सकती।
संदेश साफ
दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ संदेश दिया कि शादी तोड़ने का कोई शॉर्टकट नहीं चलेगा। हिंदू विवाह केवल कानूनी प्रक्रिया और हिंदू मैरिज एक्ट के तहत ही समाप्त किया जा सकता है। ऐसे मामलों में कानूनी नियमों की अनदेखी करना न केवल अनुचित है बल्कि कड़ी सजा का कारण भी बन सकता है।