ट्रेनिंग के दौरान विकलांग हुए कैडेट्स के लिए बड़ी राहत,
अब ECHS के तहत मुफ्त इलाज मिलेगा
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Defense Ministry: राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) और अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) जैसी संस्थाओं में प्रशिक्षण लेने वाले कई युवाओं का सपना होता है कि वे सेना का हिस्सा बनकर देश की सेवा करें। लेकिन कई बार ट्रेनिंग के दौरान ही कैडेट्स किसी गंभीर चोट या विकलांगता का शिकार हो जाते हैं और उन्हें अकादमी छोड़नी पड़ती है। अब तक इन कैडेट्स को पूर्व सैनिक (Ex-Servicemen) का दर्जा नहीं दिया जाता था, इसलिए उन्हें ‘एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम’ (ECHS) के तहत मुफ्त इलाज का लाभ नहीं मिलता था। अब रक्षा मंत्रालय ने मानवीय आधार पर ऐसा बड़ा फैसला लिया है, जिसके बाद विकलांग कैडेट्स भी इस योजना में शामिल होंगे।
अब तक सिर्फ गुडविल अमाउंट मिलता था
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक विकलांग कैडेट्स को सिर्फ एक्स-ग्रेशिया अमाउंट दिया जाता था, जो 40 हजार रुपये प्रति महीने तक होता था। एक्स-ग्रेशिया का मतलब होता है बिना किसी सेवा के बदले दिया गया गुडविल अमाउंट। लेकिन समस्या यह थी कि कई बार इन कैडेट्स के इलाज का खर्च 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये प्रति माह तक पहुंच जाता था। इस कारण परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता था। अब ECHS से जुड़ने के बाद ऐसे कैडेट्स सेना के अस्पतालों, ECHS पॉलीक्लिनिक्स और सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज करा सकेंगे।
सभी प्रभावित कैडेट होंगे शामिल
नए नियमों के तहत वे कैडेट भी लाभ उठा सकेंगे, जिन्हें ट्रेनिंग पूरी करने से पहले ही मेडिकल बोर्ड ने बाहर कर दिया था। साथ ही, भविष्य में अगर किसी कैडेट को प्रशिक्षण के दौरान ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा, तो उन्हें भी ECHS स्कीम से जोड़ा जाएगा। सरकार ने कहा कि यह फैसला परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक और भावनात्मक तनाव को कम करने के लिए लिया गया है।
लागू होने में अभी देर
हालांकि रक्षा मंत्री ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन इसे पूरी तरह लागू होने में अभी समय लगेगा। मंत्रालय को वित्त मंत्रालय से हर साल लगभग 11.13 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मंजूरी चाहिए होगी। इसी कारण इस फैसले को लागू होने का इंतजार करना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट भी उठा चुका है मुद्दा
इससे पहले, 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार और सेना से इस मुद्दे पर जवाब मांगा था। रिपोर्ट के मुताबिक, 1985 से अब तक लगभग 500 कैडेट्स को मेडिकल कारणों से ट्रेनिंग छोड़नी पड़ी। केवल NDA में ही जुलाई 2025 तक पिछले पांच वर्षों में लगभग 20 कैडेट्स को विकलांगता के कारण छुट्टी दी गई।
ECHS स्कीम का विस्तार
गौरतलब है कि ECHS स्कीम साल 2003 में शुरू की गई थी। फिलहाल इसके तहत 30 क्षेत्रीय केंद्र, 448 पॉलीक्लिनिक्स और 3,000 से ज्यादा सूचीबद्ध अस्पताल काम कर रहे हैं। इस योजना से अभी तक देशभर में 63 लाख से ज्यादा पूर्व सैनिक और उनके परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। अब इसमें विकलांग कैडेट्स को शामिल करने का फैसला उनके लिए बड़ी राहत साबित होगा।