छठ पूजा 2025: छठ पूजा करने जा रहे हैं…
पहले जान लें इस व्रत के जरूरी नियम और सावधानियां
4 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Chhath Puja 2025: लोक आस्था का सबसे पवित्र पर्व छठ पूजा करीब आ चुका है। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व भक्ति, आस्था और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ न सिर्फ बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में, बल्कि पूरे भारत और विदेशों में रहने वाले श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इसकी शुरुआत “नहाय-खाय” से होती है और समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है। हर दिन का अपना अलग धार्मिक महत्व और नियम होते हैं, जिनका पालन श्रद्धालु पूरे भाव से करते हैं।
कब से शुरू होगा छठ पर्व इस साल छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर 2025 से होगी और समापन 28 अक्टूबर 2025 को होगा।
25 अक्टूबर (शनिवार): नहाय-खाय – इस दिन व्रत की शुरुआत होती है। व्रती पवित्र स्नान करते हैं और शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं।
26 अक्टूबर (रविवार): खरना – इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और शाम को गुड़ और चावल से बनी खीर का प्रसाद बनाकर व्रत खोला जाता है।
27 अक्टूबर (सोमवार): डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है। श्रद्धालु नदी या तालाब के किनारे सूर्य देव की पूजा करते हैं।
28 अक्टूबर (मंगलवार): उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह महापर्व समाप्त होता है।
छठ पूजा में क्या करें छठ पूजा के दौरान श्रद्धालु नहाय-खाय के दिन पवित्र स्नान जरूर करें और घर व पूजा स्थल को पूरी तरह साफ-सुथरा रखें। व्रती महिलाओं को नारंगी सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है। रात में छठ व्रत कथा सुनना या पढ़ना चाहिए। व्रत के दौरान केवल घर में बना शुद्ध और हल्का भोजन ही ग्रहण करें। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही प्रसाद का सेवन करें और सबसे पहले उसे सूर्य देव व छठी मैया को अर्पित करें। इस दौरान झूठ, गुस्सा और द्वेष से दूर रहना चाहिए।
छठ पूजा में क्या न करें इस पावन पर्व पर तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मछली, शराब और तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए। बाहर का तला-भुना या मसालेदार खाना खाने से बचें। बिना स्नान किए पूजा नहीं करनी चाहिए और पुरानी या फटी टोकरी का प्रयोग नहीं करें। प्रसाद ग्रहण करने से पहले कुछ और नहीं खाना चाहिए। यह पर्व पवित्रता और आत्मसंयम का प्रतीक है, इसलिए पूरे मन और श्रद्धा से नियमों का पालन करना जरूरी है।