चारधाम यात्रा में अबतक 80 श्रद्धालुओं की गई जान,
जाने क्या रहे प्रमुख कारण…
5 days ago
Written By: NEWS DESK
Char Dham Yatra: चारधाम यात्रा 2025 को शुरू हुए एक महीने से अधिक समय बीत चुका है। इस अवधि में लाखों श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। लेकिन इस पवित्र यात्रा के दौरान एक चिंताजनक पहलू भी सामने आया है – अब तक लगभग 80 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 71 यात्रियों की जान स्वास्थ्य संबंधी कारणों से गई है। इन मौतों में से अधिकांश के पीछे Altitude Sickness (ऊंचाई जनित बीमारी) एक प्रमुख कारण बताया जा रहा है। खासतौर पर केदारनाथ धाम, जहां सबसे अधिक 34 मौतें दर्ज की गई हैं। इसके बाद बदरीनाथ में 16, यमुनोत्री में 12 और गंगोत्री में 9 मौतें हुई हैं।
क्या होती है Altitude Sickness?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Altitude Sickness एक शारीरिक स्थिति है जो अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी के कारण होती है। जब कोई व्यक्ति समुद्र तल से 8000 फीट या उससे ऊपर की ऊंचाई पर तेजी से चढ़ता है, तो हवा में ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और सांस लेने में परेशानी शुरू हो जाती है।
किन्हें होता है अधिक खतरा?
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50 वर्ष से अधिक आयु के लोग
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हृदय, श्वास, मधुमेह या उच्च रक्तचाप के मरीज
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जो पहली बार पहाड़ों में जा रहे हों
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अत्यधिक मोटे या शारीरिक रूप से कमजोर लोग
लक्षण:
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सिरदर्द
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मतली या उल्टी
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भूख न लगना
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थकावट
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सांस लेने में कठिनाई
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नींद न आना
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चक्कर आना
बचाव के उपाय:
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धीरे-धीरे चढ़ाई करें, प्रतिदिन 300-500 मीटर से अधिक न बढ़ें।
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ऊंचाई पर पहुंचने के बाद आराम करें, शरीर को वातावरण से तालमेल बैठाने दें।
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पर्याप्त पानी पिएं, डिहाइड्रेशन से बचें।
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हल्का और सुपाच्य भोजन लें।
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यात्रा से पहले स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य कराएं।
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गंभीर लक्षण दिखें तो तुरंत नीचे उतरें।
सतर्कता ही सुरक्षा है
उत्तराखंड सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इस बार पहले से बेहतर चिकित्सा व्यवस्थाएं की हैं, लेकिन इसके बावजूद अगर श्रद्धालु बिना तैयारी और मेडिकल जांच के यात्रा करेंगे, तो घटनाएं होती रहेंगी। चारधाम यात्रा एक पवित्र अनुभव है, लेकिन यह स्वास्थ्य के साथ समझौता करके नहीं किया जाना चाहिए। श्रद्धा के साथ अगर सावधानी भी बरती जाए, तो यह यात्रा सुखद और सुरक्षित बन सकती है।