भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ में शिवराज, खट्टर समेत 6 दावेदार, संगठन से लेकर जातीय-क्षेत्रीय संतुलन पर पार्टी की नजर,
जल्द बनेगी केंद्रीय चुनाव समिति
20 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
BJP: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जल्द ही अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है। सूत्रों के अनुसार पार्टी इस समय छह प्रमुख नामों पर विचार कर रही है, जिनमें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान शामिल हैं। इसके अलावा पार्टी महासचिव सुनील बंसल और विनोद तावड़े भी रेस में बताए जा रहे हैं। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है और वे फिलहाल एक्सटेंशन पर हैं। साथ ही वे केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं, इसलिए अब पार्टी एक नए अध्यक्ष की तलाश में है।
इन बातों को ध्यान में रखकर हो रहा चयन
पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में तीन प्रमुख बातों का ध्यान रख रही है> संगठनात्मक अनुभव, क्षेत्रीय संतुलन और जातीय समीकरण। इसी के आधार पर नामों की छंटनी की जा रही है। जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक केंद्रीय चुनाव समिति बनाई जा सकती है। यदि चुनाव की जरूरत पड़ती है तो यही समिति नामांकन, जांच और मतदान की प्रक्रिया पूरी करेगी।
प्रदेश अध्यक्षों के चयन के बाद बढ़ी प्रक्रिया की रफ्तार
भाजपा संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब किया जा सकता है जब पार्टी के 50 प्रतिशत राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष चुने जा चुके हों। भाजपा की वर्तमान में 37 मान्यता प्राप्त राज्य इकाइयां हैं, जिनमें से 26 राज्यों में नए अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। खासकर जुलाई की शुरुआत में ही दो दिन में 9 राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की गई है। ये राज्य हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दमन दीव और लद्दाख। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को गति मिल गई है।
नए अध्यक्ष के सामने होंगे 12 अहम चुनाव
भाजपा के नियमों के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है और कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक अध्यक्ष नहीं बन सकता। ऐसे में जो भी नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा, उसके सामने आगामी तीन वर्षों में 12 महत्वपूर्ण विधानसभा और लोकसभा चुनाव होंगे। यह जिम्मेदारी संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ चुनावी रणनीति तय करने की भी होगी।