भारत-पाक सिंधु जल विवाद पर बिलावल भुट्टो की गीदड़ भभकी,
भारत का करारा जवाब- "पानी कहीं नहीं जाएगा"
1 months ago
Written By: NEWS DESK
सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान में मचा बवाल अब सियासी बयानबाज़ी की सीमाओं को पार कर चुका है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रमुख और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने एक बार फिर भारत को युद्ध की धमकी देते हुए कहा है कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका, तो पाकिस्तान "सभी छह नदियों पर कब्जा कर लेगा" और "युद्ध से पीछे नहीं हटेगा।" लेकिन इस पर भारत की ओर से आया जवाब उतना ही सटीक और करारा है। जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने दो टूक कह दिया, "पानी कहीं नहीं जाएगा। जो बोलना है, बोलते रहो।"
क्या है सिंधु जल समझौता
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच कड़े फैसले लिए। इन्हीं में से एक था, सिंधु जल संधि को सस्पेंड करना। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद रुकता नहीं, तब तक सहयोग और जल बंटवारे की बात नहीं होगी। इसके बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। वहां की सरकार, नेता और मीडिया लगातार इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रहे हैं। और इस सबके बीच सबसे मुखर चेहरा बने हैं, बिलावल भुट्टो ज़रदारी।
बिलावल की भाषा और भारत की प्रतिक्रिया
वहीं, बिलावल ने सिंधु जल को लेकर कहा है कि, "अगर भारत समझौते को नहीं मानता, तो पाकिस्तान सभी छह नदियों पर दावा करेगा। भारत या तो सिंधु जल संधि चालू करे या युद्ध के लिए तैयार रहे।" यह पहला मौका नहीं है जब बिलावल ने ऐसा बयान दिया हो। इससे पहले भी वे कह चुके हैं कि, "अगर पानी नहीं बहेगा, तो खून बहेगा।" इन गीदड़भभकियों पर जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बिना कोई लाग-लपेट के कहा है कि, "हम डरते नहीं हैं। जो कहना है, वो कहते रहें। जवाब समय पर मिलेगा, और सही मंच से मिलेगा।"
अमित शाह भी दे चुके हैं कड़ा संदेश
हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह भी साफ कर चुके हैं कि, सिंधु जल समझौता अब बहाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान को चेताया था कि, अब वह अपने पुराने रवैये से बाज आए, वरना भारत अपने जल संसाधनों को लेकर खुद फैसले करेगा।
पाकिस्तान की बेचैनी समझना जरूरी
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी, जिसके तहत भारत ने तीन नदियों, रावी, ब्यास और सतलज का पानी अपने उपयोग के लिए रखा और तीन नदियों, सिंधु, झेलम और चेनाब का पानी पाकिस्तान को दिया गया। लेकिन अब जब भारत आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रहा है और इस संधि को निलंबित कर चुका है, तो पाकिस्तान की बेचैनी साफ नज़र आ रही है।