अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध फिर भड़का,
ट्रंप ने चीनी सामानों पर लगाया 100% टैरिफ
17 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की आग फिर भड़क गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उनका कहना है कि सभी चीनी उत्पादों पर अब अतिरिक्त 100 फीसदी टैरिफ लागू होगा, जो 1 नवंबर 2025 से शुरू होगा। ट्रंप ने यह कदम चीन के हालिया फैसले का जवाब मानते हुए उठाया है। चीन ने हाल ही में रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। चीन ने कहा है कि इन खनिजों के निर्यात पर सख्त नियंत्रण पर्यावरण की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है। हालांकि अमेरिका इसे व्यापारिक हमला मान रहा है। साथ ही चीन ने भारत से भी कहा कि चीन से मिलने वाले रेयर अर्थ मिनरल्स को अमेरिका को रिएक्सपोर्ट न किया जाए। चीन के इस फैसले से नाराज होकर डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि अमेरिका अब चीनी सामानों पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। पहले से चीन के उत्पादों पर 30 फीसदी टैरिफ था। अब नए फैसले के साथ कुल 130 फीसदी टैरिफ अमेरिकी बाजार में लागू होगा, जिससे चीनी सामान अमेरिका में महंगे हो जाएंगे।
ट्रंप ने चीन पर क्यों 100 फीसदी लगाया टैरिफ बता दें कि, चीन के इसी फैसले से डोनाल्ड ट्रंप खफा हैं। ट्रंप ने इसे चीन की धोखेबाजी बताया है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि अमेरिका अब चीनी सामानों पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। चीन पर पहले से ही 30 फीसदी टैरिफ है। वही अब ट्रंप ने फिर से 100 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। यह टैरिफ 1 नवंबर 2025 से लागू होगा। इस तरह से चीनी प्रोडक्ट पर अब अमेरिका का कुल 130 फीसदी टैरिफ हो जाएगा। इसका असर होगा इससे चीनी सामान अमेरिका में बहुत महंगे हो जाएंगे।
क्यों नाराज हैं डोनाल्ड ट्रंप चीन के रेयर अर्थ वाले फैसले से ही नाराज होकर डोनाल्ड ट्रंप ने शी जिनपिंग से मिलने का फैसला भी टाल दिया है। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने का कोई मतलब नहीं, डोनाल्ड ट्रंप इस महीने के अंत में साउथ कोरिया में होने वाले एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने का प्लान कर रहे थे। मगर अब वह नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे दो हफ्ते बाद दक्षिण कोरिया में APEC शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलना था, लेकिन अब ऐसा करने का कोई कारण नहीं दिखता।
चीन ने क्यों ट्रंप को उकसाया अब एक सवाल यह भी है कि चीन क्यों ऐसा कर रहा है? सूत्रों के मुताबिक, चीन अमेरिका की मनमानी मानने को तैयार नहीं है. जिस तरह से ट्रंप टैरिफ बम फोड़ रहे हैं, उससे चीन नाराज है. अमेरिका के साथ चल रहे तनाव से चीन भी तंग आ चुका है. अमेरिका ने चीनी टेक कंपनियों जैसे हुआवेई पर प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका के खिलाफ ट्रेड वॉर में चीन का मानना है कि रेयर अर्थ उसका ट्रंप कार्ड है. वह इसे हथियार की तरह इस्तेमाल कर अमेरिका को सबक सिखाना चाहता है. बहरहाल, अमेरिका अब ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अफ्रीका से रेयर अर्थ के स्रोत तलाश रहा है.
चीन का क्या होगा नया फैसला बहरहाल, चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की जंग नई नहीं है। जहाँ ट्रंप से पहले कार्यकाल में भी अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर चरम पर था। चीन दुनिया में रेयर अर्थ मिनिरल्स का सबसे बड़ा प्रोड्यूसर यानी उत्पादक देश है। ये वे मटीरियल हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस और ग्रीन एनर्जी जैसी इंडस्ट्रीज के लिए बेहद जरूरी होते हैं। अब इसे लेकर चीन ने नया नियम बनाया है। चीन के नए नियमों के मुताबिक अब रेयर अर्थ (Rare Earth) या उससे बने किसी भी प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट से पहले ‘स्पेशल अप्रूवल’ जरूरी होगा।