AI ने बदल दी सोशल मीडिया की दुनिया,
हाई-ग्राफिक एडल्ट वीडियो तेजी से हो रहे वायरल
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Misuse Of AI: आज के डिजिटल युग में कंटेंट, सोशल मीडिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने जीवन का अहम हिस्सा बन लिया है। अब केवल डिग्रियां होना मायने नहीं रखता, बल्कि अगर आपके लाखों फॉलोअर्स हैं तो सोशल मान्यता मिलती है। लेकिन इसी डिजिटल क्रांति का गलत इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ रहा है। कई कंटेंट क्रिएटर्स AI का इस्तेमाल करके हाइपर-रियलिस्टिक अश्लील वीडियो बना रहे हैं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं और लोग इन्हें बड़े पैमाने पर देख रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कंटेंट का युवाओं और बच्चों पर गंभीर मनोवैज्ञानिक और व्यवहारिक असर पड़ सकता है।
सोशल मीडिया अकाउंट्स और हाइपर-रियलिस्टिक अश्लील वीडियो इंडिया टुडे की रिपोर्ट में बताया गया कि दो दर्जन से ज्यादा इंस्टाग्राम अकाउंट और यूट्यूब चैनलों पर भारी मात्रा में AI द्वारा बनाई गई अश्लील वीडियो पोस्ट की जा रही हैं। इन वीडियो में सेक्सुअल बातें, जोक्स और अश्लील संवाद शामिल हैं। वीडियो में दिखाई जाने वाली AI अवतारों की उम्र 20 साल से लेकर 70-80 साल तक होती है, और कभी-कभी स्कूली बच्चों के अवतार भी अश्लील सामग्री में दिखाए जाते हैं।
पब्लिक प्लेस और हाई-ग्राफिक कंटेंट कुछ क्रिएटर्स ऐसे वीडियो भी बनाते हैं जिसमें AI अवतार सार्वजनिक स्थानों पर इंटिमेट सीन्स करते दिखाई देते हैं। बॉलीवुड जैसी दिखने वाली महिलाओं के AI फोटो भी बनाई जाती हैं। उदाहरण के लिए, इंस्टाग्राम अकाउंट AI Wi के 5,82,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं, और इसमें महिलाओं की कामुक तस्वीरें पोस्ट की जाती हैं। ये वीडियो कुछ महीनों में करोड़ों व्यूज प्राप्त कर चुके हैं।
पैसे कमाने के लिए भी इस्तेमाल ये कंटेंट सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं हैं। कई अकाउंट्स प्रीमियम कंटेंट के लिए पैसे लेते हैं, वीडियो कॉल्स और AI कोर्स बेचते हैं। उदाहरण के लिए, का का शर्मा 499 रुपये में 15 मिनट की वीडियो कॉल का विज्ञापन करते हैं।
हाईटेक AI टूल्स का इस्तेमाल AI टूल्स जैसे Google Veo और Tensor Art का इस्तेमाल कर उच्च-रेसोल्यूशन वीडियो और इमेज बनाई जाती हैं। ये टूल्स इमेज-टू-इमेज, टेक्स्ट-टू-इमेज और इमेज-टू-वीडियो बनाने में सक्षम हैं।
समाज और कानून पर असर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अश्लील वीडियो का लगातार देखना युवाओं में गलत यौन बर्ताव, मानसिक तनाव और असुरक्षा पैदा कर सकता है। भारत सरकार ने 43 OTT ऐप्स पर अश्लील कंटेंट बैन किया है, लेकिन AI से बन रहे वीडियो के लिए अभी स्पष्ट कानून नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में ऑनलाइन अश्लील सामग्री पर ठोस कानून की जरूरत बताई थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स अपने नियमों के तहत कंटेंट हटाने का दावा करते हैं, लेकिन इसका पालन बहुत कम होता है।