पाकिस्तान में बाढ़ के बीच क्यों लग गया इंटरनेट पर लॉक डाउन…!
कारोबार और जनजीवन ठप…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस समय दोहरी मार झेल रहा है, यहां एक तरफ जहां खतरनाक बाढ़ ने देश के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है, वहीं दूसरी ओर इंटरनेट बंदी ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। यहां बुधवार, 21 अगस्त को देशभर में इंटरनेट सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं, जिससे कारोबार, वित्तीय सेवाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और आम जनजीवन लगभग ठप हो गया। उद्योग विशेषज्ञों ने इसे हाल के वर्षों की सबसे गंभीर तकनीकी गड़बड़ियों में से एक बताया है।
दो तिहाई उपभोक्ता प्राभावित
वायरलेस एंड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, अनुमान है कि देश के करीब दो-तिहाई इंटरनेट उपभोक्ता इस बाधा से प्रभावित हुए। यानी पाकिस्तान में हर तीन में से दो लोग बुधवार को इंटरनेट से कट गए। हैरानी की बात यह है कि ठीक इसी तारीख को, 21 अगस्त 2022 को भी देशव्यापी बाढ़ के कारण फाइबर रूट क्षतिग्रस्त हुए थे, जिससे इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई थीं। इस बार भी बाढ़ को ही इंटरनेट सेवा बाधित होने की मुख्य वजह माना जा रहा है।
डिजिटल ढांचे की कमजोरी पर सवाल
इंटरनेट बंदी के बाद पाकिस्तान के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमजोरियों पर गंभीर सवाल उठे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष शाहजाद अरशद ने इसे “राष्ट्रीय विफलता” करार देते हुए कहा, “इंटरनेट बंद होना अब पाकिस्तान में कोई दुर्लभ घटना नहीं रही, बल्कि यह बार-बार सामने आ रही है। 2025 में भी उसी तारीख को देश के दो-तिहाई हिस्से का इंटरनेट ठप हो जाना, जिस दिन 2022 में ऐसा हुआ था, सरकार के लिए खतरे की घंटी है।” अरशद ने आगे कहा कि आज के दौर में इंटरनेट बिजली जितना ही जरूरी हो चुका है। अस्पतालों से लेकर छात्रों तक, फ्रीलांसरों से लेकर बैंकों तक, हर कोई इंटरनेट पर निर्भर है। उन्होंने चेतावनी दी कि “हर घंटे की बंदी पाकिस्तान को करोड़ों का नुकसान पहुंचाती है और हमारी अंतरराष्ट्रीय साख को प्रभावित करती है।”
इंटरनेट ढांचे को मजबूत और विविध बनाने की अपील
वहीं एसोसिएशन ने नियामकों से अपील की है कि वे इंटरनेट ढांचे को मजबूत और विविध बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं। इसमें अधिक सेवा प्रदाताओं को प्रोत्साहन देना, क्षेत्रीय इंटरनेट एक्सचेंज विकसित करना और बैकअप सिस्टम में निवेश करना शामिल है। अरशद ने साफ कहा, “पाकिस्तान का डिजिटल भविष्य अब किसी एकल विफलता का बंधक नहीं रह सकता। हमें बार-बार की माफी नहीं, बल्कि ठोस सुधार चाहिए।”
कंपनियों और मॉनिटरिंग एजेंसियों की प्रतिक्रिया
वहीं इसी बीच पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड (PTCL) ने आधी रात बाद एक बयान जारी कर कहा कि उनकी सेवाओं में दिक्कत आई है और तकनीकी टीमें तेजी से काम कर रही हैं। कंपनी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “प्रिय ग्राहकों, हमारी पीटीसीएल और यूफोन सेवाओं पर डाटा कनेक्टिविटी की समस्या आ रही है। हमारी टीमें सेवाएं बहाल करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। असुविधा के लिए खेद है।” ।\वहीं, इंटरनेट मॉनिटरिंग ग्रुप नेटब्लॉक्स ने 19 अगस्त को ‘एक्स’ पर पुष्टि की कि पाकिस्तान में इंटरनेट कनेक्टिविटी में बड़ी बाधा आई है। उनके आंकड़ों के अनुसार, बैकबोन ऑपरेटर पीटीसीएल पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है और राष्ट्रीय इंटरनेट कनेक्टिविटी सामान्य स्तर के केवल 20 प्रतिशत पर सिमट गई है।