प्रेम हुआ तो भारत में बस गई पाकिस्तानी महिला…बना आधार पैन और वोटर आईडी…
सरकारी स्कूल में भी कर डाली नौकरी…वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान बड़ा खुलासा
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन के दौरान भागलपुर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां दो पाकिस्तानी महिलाएं पिछले 60 साल से अधिक समय से भारत में न केवल रह रही हैं, बल्कि उनके पास आधार कार्ड और वोटर आईडी भी मौजूद हैं। इतना ही नहीं, इनमें से एक महिला भागलपुर के सरकारी स्कूल में शिक्षिका के रूप में भी काम कर चुकी है। अब गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जबकि पुलिस इन दोनों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन अब तक दोनों महिलाएं फरार हैं।
कैसे उजागर हुआ मामला ?
दरअसल मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान यह मामला सामने आया। भागलपुर के डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी के निर्देश पर जांच शुरू की गई। बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) फरजाना खानम ने बताया कि विभागीय आदेश में पासपोर्ट और वीजा से जुड़ी डिटेल दी गई थी। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर जांच आगे बढ़ी और कार्रवाई शुरू हुई। इनमें से एक महिला का नाम इमराना खानम है, जो काफी बुजुर्ग हैं और बीमार भी बताई जा रही हैं। उनका पासपोर्ट 1956 का है और वीजा 1958 में जारी हुआ था। गृह मंत्रालय ने 11 अगस्त को स्थानीय चुनाव कार्यालय को तत्काल जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया था।
पाकिस्तान निर्वासन की संभावना
गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक, दोनों महिलाओं पर विदेशी अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज हो सकता है। बिना वीजा विस्तार के भारत में अवैध रूप से रहने और यहां की नागरिक सुविधाओं का लाभ लेने पर उन्हें पाकिस्तान निर्वासित भी किया जा सकता है। डीएम ने फॉर्म-7 के तहत दोनों के नामों को वोटर लिस्ट और आधार कार्ड से हटाने का प्रस्ताव भेज दिया है।
प्रेम में भागलपुर में बस गईं इमराना
मिली जानकारी के मुताबिक इमराना खानम साल 1956 में पाकिस्तान से भारत आईं थीं। भागलपुर आने के बाद उनकी मुलाकात कजरैली सिमरिया निवासी मोहम्मद इबनुल हसन से हुई और दोनों में प्रेम हो गया। दोनों ने विवाह किया और यहीं बस गए। शुरूआत में इमराना वीजा विस्तार कराती रहीं, लेकिन बाद में उन्होंने यह प्रक्रिया पूरी तरह बंद कर दी। इमराना और इबनुल धीरे-धीरे विभागीय निगरानी से भी ओझल हो गए। कुछ साल बाद दोनों ने भागलपुर के इशाकचक के भीखनपुर में मकान बनवाकर स्थायी रूप से रहना शुरू कर दिया।
सरकारी नौकरी भी लग गई
इबनुल हसन बांका जिले के एक मदरसे में नौकरी करते थे। उन्होंने जुगाड़ लगाकर इमराना खानम की नौकरी बरहपुरा स्थित उर्दू मध्य विद्यालय में शिक्षिका के रूप में लगवा दी। यहां इमराना खानम ने इमराना खातून नाम से काम करना शुरू कर दिया। तीन साल पहले तत्कालीन एसएसपी बाबू राम ने इस मामले की पड़ताल शुरू की थी, तभी इमराना के विदेशी नागरिक होने की सच्चाई उजागर हुई।
दूसरी पाकिस्तानी महिला का भी पता नहीं
भागलपुर के भीखनपुर टैंक लेन में रहने वाली दूसरी पाकिस्तानी महिला फिरदौसिया खानम का भी फिलहाल पुलिस के पास कोई सुराग नहीं है। फिरदौसिया 19 जनवरी 1956 को तीन महीने के वीजा पर भारत आई थीं और यहां शादी करके यहीं बस गईं। सुरक्षा एजेंसियों की छानबीन शुरू होते ही वह गायब हो जाती हैं।
अन्य पाकिस्तानी नागरिकों पर भी शक
जांच में पता चला है कि भागलपुर और आसपास के इलाकों में कुछ और पाकिस्तानी नागरिक भी आकर बस गए हैं, जिनका अब कोई अता-पता नहीं। 2002 में पाकिस्तान से आए मुहम्मद अमीनउद्दीन ने गोराडीह थाना क्षेत्र के डहरपुर गांव में शादी के बाद यहीं स्थायी रूप से रहना शुरू कर दिया था। इसी साल पाकिस्तान से आए मुहम्मद असलम ने फर्जीवाड़ा कर आधार कार्ड बनवा लिया था। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां समय-समय पर इन मामलों की खोजबीन करती रहती हैं। फिलहाल भागलपुर पुलिस ने इमराना और फिरदौसिया खानम की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी तेज कर दी है।