अमेरिकी टैरिफ पर ये क्या बोल गए पुतिन,
पश्चिमी देशों की नीतियों पर भी बोला तीखा हमला
6 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को पश्चिमी देशों की आर्थिक नीतियों पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध को महज एक "बहाना" बनाकर अमेरिका और उसके सहयोगी देश वैश्विक व्यापार पर दबाव बना रहे हैं। चीन की चार दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद मीडिया से बातचीत में पुतिन ने स्पष्ट कहा कि पश्चिमी शक्तियां रूस से मजबूत आर्थिक संबंध रखने वाले देशों को निशाना बनाने के लिए यूक्रेन का हवाला दे रही हैं। पुतिन ने आरोप लगाया कि हालिया व्यापार प्रतिबंधों और टैरिफ को यूक्रेन संघर्ष से जोड़कर पेश किया जा रहा है, जबकि असल मकसद राजनीतिक और आर्थिक दोनों है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इस साल अगस्त में ब्राज़ील पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ का यूक्रेन से कोई लेना-देना नहीं है।
"टैरिफ का असली कारण आर्थिक असंतुलन"
पुतिन ने कहा, "यूक्रेन की स्थिति तो केवल एक बहाना है। असली वजह अमेरिका और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं जैसे भारत, चीन और ब्राज़ील के बीच व्यापारिक असंतुलन है।" उन्होंने बताया कि 6 अगस्त को ब्राज़ील पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए गए, जबकि इसकी तय समयसीमा 8 अगस्त थी। पुतिन के अनुसार, यह फैसला पूरी तरह आर्थिक कारणों से लिया गया, न कि यूक्रेन से जुड़े किसी विवाद के कारण। भारत के संदर्भ में भी पुतिन ने अमेरिकी नीतियों पर सवाल उठाए। हाल ही में अमेरिका ने भारत से होने वाले आयात पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाया है, साथ ही रूस से कच्चा तेल खरीदने के चलते 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी लगाया गया है। वॉशिंगटन का तर्क है कि भारत की कच्चे तेल की खरीद रूस के युद्ध प्रयासों को अप्रत्यक्ष रूप से मदद पहुंचाती है।
ज़ेलेंस्की से मुलाकात की पेशकश
पत्रकारों से बातचीत में पुतिन ने संकेत दिया कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से मिलने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने साफ किया कि यह तभी संभव है जब बैठक अच्छी तरह तैयार की गई हो और इसका मकसद ठोस समाधान निकालना हो। पुतिन ने कहा, "अगर ज़ेलेंस्की तैयार हैं, तो वे मॉस्को आ सकते हैं। यह संभव है।" हालांकि, पुतिन ने दोहराया कि रूस यूक्रेन की नाटो सदस्यता के खिलाफ है, लेकिन उसने यूरोपीय संघ में शामिल होने की यूक्रेन की इच्छा पर कम विरोध जताया।
यूरोप में बढ़ती नाराज़गी और सुरक्षा गारंटी की मांग
इस बीच यूरोप में रूस की नीतियों को लेकर नाराज़गी लगातार बढ़ रही है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, यूरोपीय नेता पेरिस में यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ बैठक कर रहे हैं। इस बैठक का मकसद कीव को मजबूत सुरक्षा गारंटी देना और रूस पर दबाव बढ़ाना है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि जैसे ही कोई शांति समझौता साइन होता है, सहयोगी देश यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी देने के लिए तैयार हैं। हालांकि, यूक्रेन के विदेश मंत्री ने पुतिन के मॉस्को आने के निमंत्रण को "जानबूझकर अस्वीकार्य" बताते हुए खारिज कर दिया है।