भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद: अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी ने दी खुली धमकी,
कहा– भारत और ब्राजील को दुरुस्त करना होगा
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही। दोनों देशों के बीच लंबे समय से ट्रेड डील पर बातचीत चल रही थी, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ के बाद बातचीत अधर में लटक गई। इसी बीच अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हावर्ड ल्यूटनिक ने विवादित बयान देते हुए कहा कि अमेरिका को भारत और ब्राजील जैसे देशों को “दुरुस्त” करने की जरूरत है।
अमेरिका का रुख और ल्यूटनिक का बयान ल्यूटनिक ने एक अमेरिकी चैनल से बातचीत में कहा, “भारत और ब्राजील को अपने बाजार खोलने चाहिए और अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियां रोकनी चाहिए। इन देशों को जवाब देना होगा।” उन्होंने भारत के रूस से तेल खरीदने के मुद्दे को भी घेरा और कहा कि भारत इसे राष्ट्रीय हित बताकर सही ठहराता है। उनके मुताबिक, भारत, ब्राजील और ताइवान जैसे देशों को अमेरिका को जवाबदेह होना पड़ेगा, क्योंकि इनके साथ व्यापारिक रिश्ते उलझे हुए हैं।
टैरिफ का विवाद कैसे शुरू हुआ गौरतलब हो कि, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिसमें 25 प्रतिशत सामान्य टैरिफ और 25 प्रतिशत पेनल्टी टैरिफ शामिल है। यह अतिरिक्त बोझ भारत द्वारा रूस से तेल आयात करने की वजह से डाला गया। इसी कारण ट्रेड डील पर चल रही बातचीत रोक दी गई और दोनों देशों के बीच तनाव गहराता चला गया।
व्यापारिक रिश्तों की अहमियत दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका लंबे समय से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है। भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका का हिस्सा करीब 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और कुल व्यापार में 10.37 प्रतिशत है। इसके बावजूद कुछ चुनिंदा सेक्टर्स में मतभेदों के चलते ट्रेड डील अटक गई है।
क्या बनेगा समाधान ? बता दें कि, हाल ही में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका दौरे पर गए थे। उम्मीद जताई जा रही थी कि उनकी मुलाकातों से दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को नई दिशा मिलेगी। जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से कई मुद्दों पर चर्चा भी की थी। हालांकि, ल्यूटनिक के इस बयान के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या दोनों देशों के बीच जल्द ही कोई रास्ता निकलेगा या फिर टकराव और गहराएगा।