जम्मू में भारी बारिश के बीच जारी है मौत का तांडव,
41 पहुंची मरने वालों की संख्या
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दिनों से हो रही रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने तबाही मचा दी है। भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 41 हो गई है, जिनमें से सबसे अधिक मौतें वैष्णो देवी मार्ग पर हुए भूस्खलन में हुई हैं। बुधवार को बारिश थमने के बाद राहत और बचाव कार्यों में तेजी आई, लेकिन हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं।
उफनती नदियां और बाढ़ का खतरा
जम्मू क्षेत्र में बुधवार सुबह 11 बजे के बाद नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे घटने लगा, लेकिन अनंतनाग और श्रीनगर में झेलम नदी का जलस्तर बाढ़ की चेतावनी सीमा को पार कर गया। श्रीनगर के कुर्सू, राजबाग, बेमिना और सेकिदाफर जैसे रिहायशी इलाकों में पानी घुस चुका है। वहीं, अनंतनाग शहर के अधिकतर हिस्सों में भी बाढ़ का पानी रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों तक पहुंच गया है, जिससे बाजार जलमग्न हो गए हैं। कश्मीर घाटी में मंगलवार रात से हुई लगातार बारिश के बाद झेलम नदी का जलस्तर अनंतनाग के संगम में 21 फुट और श्रीनगर के राम मुंशी बाग में 18 फुट से अधिक हो गया।
वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन, 34 शव बरामद
रियासी जिले के पर्वतीय क्षेत्र में स्थित वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर मंगलवार को हुए भूस्खलन में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। बचावकर्मी लगातार मलबा हटाने में जुटे हैं और मृतकों के शव बरामद किए जा रहे हैं। हादसे में कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “श्री माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन में लोगों की जान जाने की खबर अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं। प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता में जुटा है।”
ऐतिहासिक बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड
जम्मू में बुधवार सुबह 8:30 बजे तक पिछले 24 घंटों में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1910 में वेधशाला की स्थापना के बाद से अब तक की सबसे ज्यादा 24 घंटे की बारिश है। बारिश की वजह से जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। किश्तवाड़ जिले के सुदूर मार्गी इलाके में अचानक आई बाढ़ में 10 मकान और एक पुल बह गए, हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
रेल और सड़क यातायात पर भी असर
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तर रेलवे ने जम्मू-कश्मीर में यातायात को लेकर बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत यहां 58 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। 64 ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोक दिया गया। एक दिन के निलंबन के बाद बुधवार सुबह रेल यातायात आंशिक रूप से बहाल हुआ, लेकिन चक्की नदी क्षेत्र में बाढ़ और मिट्टी के कटाव के चलते फिर से ट्रेनें रोकनी पड़ीं। वहीं, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को भी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है।
राहत-बचाव में जुटा प्रशासन
अधिकारियों के अनुसार, निचले बाढ़ग्रस्त इलाकों से अब तक 10,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ और भूस्खलन से कई प्रमुख पुल, आवासीय भवन, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने व्यक्तिगत रूप से हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर से जम्मू का दौरा किया। उन्होंने बताया कि बुधवार को बारिश रुकने से कुछ राहत मिली है और निचले इलाकों में धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को मौजूदा स्थिति की जानकारी दी है और केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
शैक्षणिक संस्थान बंद, दूरसंचार सेवाएं बहाल
शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने बुधवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट करके घोषणा की कि खराब मौसम को देखते हुए 28 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। इसी बीच, बाढ़ के कारण ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को हुए नुकसान की वजह से दूरसंचार सेवाएं 24 घंटे तक प्रभावित रहीं, लेकिन अब उन्हें बहाल कर दिया गया है।
स्थिति अब भी नाजुक, सतर्कता जरूरी
हालांकि बुधवार को बारिश में थोड़ी राहत मिली है, लेकिन अभी भी तवी, चिनाब, उझ, रावी और बसंतर सहित कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ग्रस्त और संवेदनशील क्षेत्रों से दूर रहें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता नंबरों पर संपर्क करें।