कुत्तों को लेकर आदेश पर अडिग है सुप्रीम कोर्ट…
नगर निगम के अधिकारियों को जमकर लगाईं फटकार…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को दिए अपने आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक नहीं लगाई है। वहीं आदेश का पालन न किये जाने पर अदालत ने नगर निगम के अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई है। इस दौरान कोर्ट ने साफ किया है कि समस्या की जड़ नियमों के पालन में प्रशासन की नाकामी है।
11 अगस्त को सुरक्षित रखा गया था फैसला
मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को तीन जजों की बेंच जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया ने इस मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया, लेकिन 11 अगस्त को जस्टिस जेबी पारडीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच द्वारा दिए गए निर्देशों पर कोई रोक नहीं लगाई। उस आदेश में कहा गया था कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजा जाए, ताकि डॉग बाइट और रेबीज से होने वाली मौतों पर काबू पाया जा सके।
हर साल दर्ज होते हैं इतने केस
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि कुत्तों के हमले के कई ऐसे वीडियो हैं, जिन्हें देखना भी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि देश में हर साल 37 लाख डॉग बाइट के मामले दर्ज होते हैं, यानी रोजाना करीब 10 हजार लोग इसका शिकार बनते हैं।
रेबीज से मरते हैं 18 हजार लोग
एसजी मेहता ने यह भी बताया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार भारत में हर साल 18,000 से अधिक लोगों की मौत रेबीज के कारण होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी कुत्ते को मारने की बात नहीं हो रही, बल्कि उन्हें सिर्फ आबादी से दूर, सुरक्षित शेल्टर में रखने का प्रयास किया जा रहा है।
अदालत ने अपनाया सख्त रुख
यह मामला तब और संवेदनशील हो गया है जब एनिमल एक्टिविस्ट ने इस आदेश का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की हैं। वहीं, अदालत ने साफ कर दिया है कि प्रशासन को लापरवाही छोड़कर नियमों का सख्ती से पालन करना होगा, ताकि इंसानों और जानवरों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।