सोनम वांगचुक की रिहाई के लिये सुप्रीम कोर्ट पहुंची पत्नी,
याचिका दाखिल कर सुनवाई की मांग
25 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
लद्दाख के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरण वैज्ञानिक सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी पत्नी गीतांजलि आंग्मो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अदालत में हेबियस कॉर्पस याचिका दाखिल कर सोनम की तत्काल रिहाई की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि सोनम लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन पर गलत आरोप लगाकर उन्हें हिरासत में लिया है।
हिरासत पर सवाल अपनी याचिका में गीतांजलि आंग्मो ने अदालत को बताया कि प्रशासन दावा कर रहा है कि सोनम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लेकर जोधपुर भेजा जा रहा है, लेकिन अब तक उनसे जुड़ा डिटेंशन ऑर्डर उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी अवैध है और उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।
आंदोलन और मांगें गौरतलब हो कि, सोनम वांगचुक, जिन्हें मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, लंबे समय से लद्दाख में चल रहे आंदोलन का प्रमुख चेहरा हैं। यह आंदोलन लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग से जुड़ा है। छठी अनुसूची लागू होने से क्षेत्र को अपने संसाधनों पर अधिकार, सांस्कृतिक संरक्षण और स्वायत्त परिषद जैसी संवैधानिक गारंटी मिल सकती है।
हिंसा और प्रशासनिक कार्रवाई दरअसल लद्दाख में पिछले दिनों चल रहा आंदोलन अचानक उग्र हो गया था। जिसके बाद धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल के दौरान पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई। इसके बाद प्रशासन ने सोनम पर विदेशी शक्तियों के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए 26 सितंबर को उन्हें हिरासत में ले लिया। आरोप है कि उनका पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से संपर्क है और उन्होंने विदेशों से अवैध चंदा लिया है।
पत्नी का पलटवार वहीं गीतांजलि आंग्मो ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि सोनम और उनकी संस्था हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लद्दाख (HIAL) के खिलाफ सुनियोजित अभियान चलाया जा रहा है। इसका असली मकसद छठी अनुसूची की मांग को कमजोर करना है। उन्होंने साफ किया कि सोनम का पाकिस्तान दौरा केवल एक पर्यावरण कार्यक्रम के लिए था और जिन पाकिस्तानी एजेंटों का जिक्र किया जा रहा है, उनसे उनका कोई संबंध नहीं है।
अगली कानूनी लड़ाई वहीं अब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका के बाद पूरे देश की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं। लद्दाख में आंदोलन से जुड़ी राजनीतिक और सामाजिक हलचल के बीच सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मुद्दा और अधिक संवेदनशील हो गया है।