पाकिस्तानी इंटेलिजेंस के संपर्क में थे सोनम वांगचुक…
लद्दाख के DGP ने किया बड़ा खुलासा
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
लद्दाख के DGP एसडी सिंह जामवाल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने कहा कि सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक का संपर्क पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) के एक सदस्य से था। पकड़े गए इस PIO एजेंट के जरिए पाकिस्तान को जानकारी भेजी जा रही थी और पुलिस के पास इसके पुख्ता सबूत मौजूद हैं।
पाकिस्तान और बांग्लादेश से जुड़ा रहा संपर्क DGP के मुताबिक, सोनम वांगचुक सिर्फ पाकिस्तान से संपर्क में ही नहीं थे, बल्कि वह पाकिस्तान के अखबार डॉन के एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। इसके अलावा वे बांग्लादेश भी जा चुके हैं। इन गतिविधियों की जांच खुफिया एजेंसियां कर रही हैं।
गिरफ्तारी और NSA की कार्रवाई यहां शुक्रवार की दोपहर करीब 2:30 बजे वांगचुक को उनके गांव उल्याकटोपो से पुलिस ने गिरफ्तार किया और एयरलिफ्ट कर राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है, जिसके तहत उन्हें बिना जमानत लंबे समय तक हिरासत में रखा जा सकता है।
लेह हिंसा का जिम्मेदार ठहराया दरअसल सरकार ने वांगचुक को 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा का जिम्मेदार बताया था। इस हिंसा में 4 युवकों की मौत हुई और 80 लोग घायल हुए, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। अब तक 60 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। तीन दिन से लगे कर्फ्यू में शनिवार को पहली बार 4 घंटे की ढील दी गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही हुई गिरफ्तारी दरअसल वांगचुक की गिरफ्तारी प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले हुई। जब वे कार्यक्रम स्थल नहीं पहुंचे तो आयोजकों को शक हुआ। बाद में गिरफ्तारी की जानकारी मिली। इसके बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई और आयोजकों ने कहा कि हिंसा स्थानीय युवाओं के ‘काबू से बाहर’ होने के कारण हुई, इसमें किसी विदेशी ताकत का हाथ नहीं था।
पुलिस और CRPF पर गंभीर आरोप लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने न तो पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और न ही चेतावनी के लिए गोलियां चलाईं, बल्कि सीधे अंधाधुंध फायरिंग की, जिससे हालात और बिगड़ गए।
पहले से था गिरफ्तारी का अंदेशा वहीं गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही सोनम वांगचुक ने बयान दिया था कि “अगर इस मुद्दे पर कभी गिरफ्तार होना पड़ा तो मुझे खुशी होगी।” हालांकि, उनकी गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी और गुस्सा और बढ़ गया है। माना जा रहा है कि इसका असर केंद्र और लद्दाख प्रतिनिधियों के बीच चल रही बातचीत पर भी पड़ेगा।
NGOs पर शिकंजा, CBI की एंट्री वांगचुक की संस्था SECMOL का विदेशी फंडिंग लाइसेंस सरकार ने रद्द कर दिया है। आरोप है कि संस्था ने विदेशी चंदे का गलत इस्तेमाल किया। इसके अलावा, CBI ने वांगचुक की दूसरी NGO हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के खिलाफ विदेशी फंडिंग कानून (FCRA) उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। CBI टीम इनके खातों और रिकॉर्ड्स की पड़ताल कर रही है।