मेड इन इंडिया गुड्स के लिये दुकानों में होगा अलग स्वदेशी सेल्फ,
नागपुर से शुरू होगा राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान
3 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी आह्वान के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी संस्था स्वदेशी जागरण मंच देशभर में “राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान” शुरू करने जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य देश में बने उत्पादों को बढ़ावा देना, छोटे व्यापारियों को मजबूत करना और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देना है। “स्वदेशी बेचो, स्वदेशी खरीदो” इस अभियान का मुख्य थीम होगा। इसकी शुरुआत 15 और 16 सितंबर, 2025 को नागपुर में होने वाले “व्यापारी जुटान” कार्यक्रम से होगी, जहां पूरे देश के 400 से अधिक व्यापारी नेता, हॉकर्स संगठनों, उपभोक्ता मंचों और उद्योग जगत के प्रतिनिधि एकत्रित होंगे। इस सम्मेलन के बाद स्वदेशी की एक नई लहर गांव-गांव, कस्बों और शहरों तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है।
नागपुर में तय होगी स्वदेशी अभियान की रूपरेखा
स्वदेशी जागरण मंच के नेतृत्व में आयोजित होने वाला नागपुर का “व्यापारी जुटान” कार्यक्रम इस अभियान का केंद्र बिंदु होगा। कार्यक्रम के संयोजक दीपक शर्मा ने बताया कि दो दिवसीय इस सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान की रणनीति पर विस्तृत चर्चा होगी। स्वदेशी उत्पादों को प्रमोट करने के लिए दुकानों में अलग “स्वदेशी शेल्फ” बनाने, स्वदेशी और विदेशी उत्पादों पर स्पष्ट पहचान चिन्ह लगाने और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को ऑनलाइन व ऑफलाइन रिटेल व्यापार की अनुमति देने पर विचार किया जाएगा। सम्मेलन में लिए गए निर्णयों के आधार पर स्वदेशी अभियान को देशभर में चलाया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को भारतीय उत्पादों की ओर आकर्षित करने की रणनीति तय होगी।
छोटे व्यापारियों और उद्योगों के लिए स्वदेशी बनेगा संबल
भारत में वर्तमान समय में करीब 10 करोड़ से अधिक व्यापारी, रेहड़ी-पटरी वाले और छोटे रिटेल व्यवसायी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 82 लाख करोड़ रुपये के व्यापार से जुड़े हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 10 वर्षों में यह आंकड़ा 190 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। हालांकि, छोटे उद्योगों और रिटेल व्यापारियों के लिए बढ़ती चुनौतियां चिंता का विषय बनी हुई हैं। व्यापारी संगठनों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वॉर और विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आक्रामक नीति भारतीय बाजार के लिए खतरा साबित हो रही है। चीन समेत अन्य देशों से आने वाला सस्ता माल भारतीय बाजार में भर रहा है, जिससे घरेलू उद्योगों पर दबाव बढ़ रहा है और रोज़गार के अवसर घट रहे हैं। स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि अब समय आ गया है कि व्यापारी, उपभोक्ता और उद्योगपति एकजुट होकर स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें और भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूत करें।
आर्थिक स्वतंत्रता का आंदोलन बनेगा स्वदेशी अभियान
स्वदेशी जागरण मंच का यह अभियान सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे एक “आर्थिक स्वतंत्रता का आंदोलन” बनाने की योजना है। मंच का कहना है कि विदेशी कंपनियों पर अत्यधिक निर्भरता से भारत की आर्थिक संरचना कमजोर हो रही है। इसलिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करना होगा कि वे भारतीय उत्पादों को अपनाएं, जिससे न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि नागपुर सम्मेलन में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने की ठोस रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह अभियान त्योहारी सीजन को ध्यान में रखकर लॉन्च किया जा रहा है, क्योंकि 22 सितंबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं और उसके बाद दिवाली है। इस दौरान स्वदेशी उत्पादों की खरीद और बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
स्वदेशी के जरिए आत्मनिर्भर भारत का सपना
स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान सिर्फ व्यापारियों या उद्योगपतियों का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह हर भारतीय उपभोक्ता की जिम्मेदारी का हिस्सा है। स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर देश की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरी जा सकती है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के विज़न को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। नागपुर से शुरू होने वाला यह राष्ट्रीय स्वदेशी अभियान आने वाले महीनों में देश के हर हिस्से में पहुंचेगा। इसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों, स्थानीय उद्योगों और भारतीय उत्पादों के लिए एक मजबूत बाजार तैयार करना है, ताकि भारत की अर्थव्यवस्था विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहने के बजाय अपने स्वदेशी संसाधनों के बल पर मजबूत हो सके।