बिहार में सात करोड़ मतदाताओं को मिलेंगे नए वोटर आईडी कार्ड,
चुनाव से पहले मतदाता सूची जारी करने की तयारी में ECI
8 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। सोमवार को राज्य की अंतिम मतदाता सूची जारी होने की संभावना है। चुनाव कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, इस बार करीब 7 करोड़ मतदाताओं को नए चुनाव पहचान पत्र (EPIC) दिए जाएंगे, जिनमें ताज़ा फोटो अपडेट की जाएगी। हालांकि, नए पहचान पत्र में पुराना EPIC नंबर बरकरार रहेगा, लेकिन कई मतदाताओं के मतदान केंद्रों के नामों में बदलाव हो सकता है। इसका कारण यह है कि मतदाताओं की सुविधा के लिए राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है।
SIR की प्रक्रिया और अंतिम मतदाता सूची
रअसल इस बार मतदाता सूची का प्रकाशन विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत हो रहा है। 24 जून से 25 जुलाई तक चले इस अभियान के दौरान 7.24 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपनी जानकारी जमा की थी, जबकि राज्य में कुल 7.89 करोड़ पात्र मतदाता हैं। हालांकि, ड्राफ्ट मतदाता सूची में करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम गायब पाए गए थे। चुनाव कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि सोमवार को जारी होने वाली अंतिम मतदाता सूची में गायब मतदाताओं की संख्या 65 लाख से अधिक हो सकती है। यह स्थिति चुनाव आयोग के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर नामों के गायब होने से कई क्षेत्रों में मतदाता जागरूकता अभियान को और सशक्त करने की जरूरत पड़ सकती है।
डुप्लीकेशन के आरोपों पर चुनाव आयोग की सफाई
आपको बताते चलें कि, बीते रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर डुप्लीकेट नाम होने का दावा किया गया था, जिसके बाद चुनाव आयोग (ECI) ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) ने कहा कि SIR 2025 के तहत प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची पूरी तरह अस्थायी है और इसे केवल जनता की जांच-पड़ताल के लिए जारी किया गया है। सीईओ बिहार ने स्पष्ट किया कि इस चरण में पाए गए किसी भी प्रकार के संभावित डुप्लीकेट नामों को अंतिम त्रुटि नहीं माना जा सकता। मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले कानून के तहत आपत्तियों, सत्यापन और सुधार की पूरी प्रक्रिया सुनिश्चित की जाती है।
संभावित डुप्लीकेट नामों पर स्पष्टीकरण
दरअसल रिपोर्ट में बताए गए 67,826 संदिग्ध डुप्लीकेट नामों पर स्पष्टीकरण देते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि यह आंकड़ा केवल डेटा-माइनिंग और नाम, रिश्तेदार और उम्र के मेल जैसे सब्जेक्टिव पैरामीटर्स के आधार पर तैयार किया गया है। आयोग ने साफ कहा कि बिना दस्तावेजी सबूत और फील्ड वेरीफिकेशन के आधार पर ऐसे दावे को सही नहीं माना जा सकता।
15 दिन में मिलेगा नया वोटर आईडी
जून 2025 में चुनाव आयोग ने एक नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) लागू की है, जिसके तहत अब मतदाता सूची में किसी भी तरह के अपडेट के 15 दिन के भीतर नया EPIC कार्ड मतदाता तक पहुंचा दिया जाएगा। इस पहल को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के नेतृत्व में लागू किया गया है। इसका उद्देश्य वोटर सेवाओं में पारदर्शिता, दक्षता और त्वरित सुविधा सुनिश्चित करना है।
डिजिटल ट्रैकिंग और रियल-टाइम SMS अपडेट
नई एसओपी के तहत पूरा प्रोसेस पूरी तरह डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम पर आधारित होगा। मतदाता पंजीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा EPIC कार्ड तैयार करने से लेकर वोटर के दरवाजे तक उसकी डिलीवरी की पूरी प्रक्रिया डिजिटल रूप से मॉनिटर की जाएगी। मतदाताओं को हर स्टेज की जानकारी रियल-टाइम एसएमएस अलर्ट के जरिए दी जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और मतदाता को अपने पहचान पत्र की स्थिति की पूरी जानकारी समय-समय पर मिलती रहे।
चुनाव आयोग की नागरिक-केंद्रित पहल
चुनाव आयोग की यह पहल बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है। विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत जारी होने वाली अंतिम मतदाता सूची चुनाव की तैयारी में नई दिशा तय करेगी। नए EPIC कार्ड और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए मतदाताओं को मिलने वाली यह सुविधा तेज, विश्वसनीय और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया की ओर बड़ा कदम है।