स्कूल मर्जर मामले पर संजय सिंह की याचिका ख़ारिज…
सुप्रीम कोर्ट नें हाई कोर्ट पर छोड़ा फैसला…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 105 प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के आदेश को चुनौती दी गई थी। अदालत ने कहा कि यह मामला पहले से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है और अब वही अदालत इस पर अंतिम फैसला लेगी।
हजारों बच्चों के भविष्य पर खतरा
मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि इन स्कूलों को बंद करने से हजारों बच्चों की शिक्षा पर सीधा असर पड़ेगा और उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि यह मामला बेहद गंभीर है और हाईकोर्ट को इस पर प्राथमिकता के साथ सुनवाई करनी चाहिए।
यूपी सरकार का तर्क
उत्तर प्रदेश सरकार ने 16 जून और 24 जून को आदेश जारी करते हुए इन 105 स्कूलों को बंद करने या पास के अन्य स्कूलों से जोड़ने का निर्णय लिया था। सरकार का कहना है कि इन विद्यालयों में या तो कोई विद्यार्थी नामांकित नहीं था या फिर बेहद कम बच्चे पढ़ते थे।
संजय सिंह की दलीलें…
संजय सिंह ने अपनी याचिका में इस फैसले को मनमाना और असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम बच्चों के मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21ए) और शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 का उल्लंघन है।
- नियम 4(1)(a) के अनुसार, 300 से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में एक किलोमीटर के दायरे में प्राथमिक विद्यालय होना जरूरी है।
- स्कूल बंद करने का सबसे ज्यादा असर गरीब परिवारों, एससी-एसटी समुदायों, अल्पसंख्यकों और खासकर लड़कियों पर पड़ेगा।
- दूरी और सुरक्षा की वजह से कई माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर सकते हैं, जिससे बच्चे पढ़ाई छोड़कर मजदूरी या घरेलू काम करने को मजबूर हो जाएंगे।
बिना परामर्श लिया गया निर्णय
याचिका में यह भी कहा गया कि स्कूलों को बंद करने या उन्हें मिलाने का फैसला बिना सार्वजनिक परामर्श और बिना स्कूल प्रबंधन समितियों की राय लिए लिया गया है, जबकि कानून इसकी मांग करता है।
हाईकोर्ट में लड़ाई जारी रहेगी
सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को स्वतंत्रता दी है कि वे सीधे इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मुद्दे को उठाएं। अदालत ने कहा कि बच्चों का भविष्य सर्वोपरि है और हाईकोर्ट को इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला करना चाहिए।