सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना,
आईएमडी की मासिक रिपोर्ट में चेतावनी
9 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
देश के कई हिस्सों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं के बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को अपनी मासिक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में पूरे देश में औसत से अधिक बारिश होने की संभावना है। आईएमडी का कहना है कि इस दौरान बारिश लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) के 109% से अधिक रहने की संभावना है।
सितंबर में 167.9 मिमी से अधिक होगी औसत वर्षा
आईएमडी की मासिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में देशभर में औसत वर्षा 167.9 मिमी के LPA से अधिक हो सकती है। यह अनुमान 1971 से 2020 तक के ऐतिहासिक आंकड़ों पर आधारित है। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया कि इस साल सितंबर के महीने में बारिश सामान्य से ऊपर रहने की प्रबल संभावना है।
कहां होगी ज्यादा बारिश, कहां पड़ सकता है सूखा
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होगी। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी भारत के कुछ इलाके, अत्यधिक दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा सकती है। इसका सीधा असर उन क्षेत्रों के कृषि पैटर्न और जल संसाधनों पर पड़ सकता है।
अधिक वर्षा से फायदे और जोखिम दोनों
आईएमडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर में होने वाली अधिक वर्षा एक ओर जहां कृषि, जल संसाधन और भूजल स्तर के लिए फायदेमंद हो सकती है, वहीं दूसरी ओर इसके साथ कई संभावित जोखिम भी जुड़े हैं। अत्यधिक बारिश से बाढ़, भूस्खलन, सड़क यातायात बाधित होने, सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों और पारिस्थितिकीय तंत्र को नुकसान जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं। मौसम विभाग ने सलाह दी है कि इन जोखिमों से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, प्रारंभिक चेतावनियों का प्रभावी उपयोग करने, निगरानी और संरक्षण प्रयास बढ़ाने और कमजोर क्षेत्रों में मजबूत प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है।
आईएमडी का उन्नत पूर्वानुमान प्रणाली और मॉडल
आईएमडी ने बताया कि 2021 से वह मासिक और मौसमी पूर्वानुमान जारी कर रहा है। यह पूर्वानुमान मल्टी-मॉडल एन्सेम्बल (MME) प्रणाली पर आधारित है, जो विभिन्न वैश्विक जलवायु पूर्वानुमान और अनुसंधान केंद्रों के कपल्ड ग्लोबल क्लाइमेट मॉडल्स (CGCMs) का उपयोग करती है। इसमें आईएमडी का खुद का मॉनसून मिशन क्लाइमेट फोरकास्टिंग सिस्टम (MMCFS) मॉडल भी शामिल है, जिसके जरिए दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान देशभर में वर्षा की सटीक भविष्यवाणी की जाती है।
मॉनसून पूर्वानुमान की समयरेखा
आईएमडी ने इस साल के दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून से सितंबर 2025) के लिए पहला पूर्वानुमान 15 अप्रैल को जारी किया था। इसके बाद 27 मई को अपडेटेड पूर्वानुमान जारी किया गया। जून में होने वाली वर्षा का पूर्वानुमान भी 27 मई को जारी किया गया था, जबकि जुलाई के लिए 30 जून को रिपोर्ट जारी की गई। इसके अलावा, 31 जुलाई को अगस्त-सितंबर 2025 के लिए मौसमी वर्षा पूर्वानुमान और अगस्त के मासिक तापमान आउटलुक जारी किए गए थे। इसी क्रम में अब सितंबर के लिए यह नई मासिक रिपोर्ट सामने आई है।
सितंबर में तापमान का पूर्वानुमान
आईएमडी के अनुसार, सितंबर 2025 के दौरान देश के अधिकांश पश्चिम-मध्य, उत्तर-पश्चिम और दक्षिण भारत में औसत अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से कम रह सकता है। वहीं, पूर्व-मध्य भारत, पूर्वी भारत, पूर्वोत्तर भारत, उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों और पश्चिमी तटीय इलाकों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
सितंबर में सतर्कता की जरूरत
आईएमडी की इस रिपोर्ट से साफ है कि सितंबर का महीना देश के कई हिस्सों के लिए मिश्रित प्रभाव लेकर आएगा। एक तरफ जहां अधिक वर्षा से जलस्तर और कृषि को फायदा होगा, वहीं दूसरी तरफ बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं का खतरा भी बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने राज्यों और स्थानीय प्रशासन को सलाह दी है कि वे पूर्वानुमानों और प्रारंभिक चेतावनियों का सही इस्तेमाल करें ताकि आपदा प्रबंधन के प्रयासों को समय रहते लागू किया जा सके।