ऑनलाइन मनी गेमिंग पर लग गया बैन..!
गेमिंग प्रोमोशन एंड रेगुलेशन बिल राज्यसभा में पास…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
लोकसभा में बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल पेश किया। उन्होंने बिल को समाज के हित में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि पिछले 11 सालों में डिजिटल टेक्नोलॉजी ने देश की तस्वीर बदल दी है। नई तकनीक के विकास ने भारत की वैश्विक पहचान को मजबूत किया है और स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई दिशा दी है। हालांकि, वैष्णव ने यह भी स्वीकार किया कि तकनीक के तेजी से विस्तार के बीच ऑनलाइन गेमिंग एक ऐसा क्षेत्र बनकर उभरा है, जो अब समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। वहीं संक्षिप्त चर्चा के बाद यह बिल भी राज्यसभा से पारित हो गया।
गेमिंग सेक्टर के तीन सेगमेंट, सरकार की दो पर फोकस
आईटी मंत्री ने अपने संबोधन में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को तीन हिस्सों में बांटा। पहला सेगमेंट ई-स्पोर्ट्स है, जिसे उन्होंने लाभकारी करार दिया। वैष्णव ने कहा कि ई-स्पोर्ट्स से स्ट्रैटेजिक थिंकिंग विकसित होती है और टीम में बेहतर कोऑर्डिनेशन की समझ आती है। दूसरा सेगमेंट ऑनलाइन सोशल गेम्स का है, जिसमें चेस, सॉलिटेयर और सुडोकू जैसे गेम शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि ऐसे खेल न केवल मनोरंजन के साधन हैं बल्कि मेमोरी बढ़ाने और शिक्षा के दृष्टिकोण से भी उपयोगी हैं। वहीं, तीसरे सेगमेंट के रूप में ऑनलाइन मनी गेम्स को लेकर मंत्री ने गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह सेक्टर तेजी से सामाजिक समस्या का रूप ले चुका है।
ऑनलाइन मनी गेम्स पर गंभीर सवाल
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देशभर में कई परिवार और व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम्स की लत का शिकार हो चुके हैं। कई मामलों में लोग अपनी जीवनभर की बचत तक ऐसे खेलों में गंवा बैठे हैं। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर में धोखाधड़ी और चीटिंग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मंत्री ने कहा कि इन खेलों में इस्तेमाल होने वाले एल्गोरिदम्स ओपेक होते हैं, जिनमें हार और जीत पहले से तय कर दी जाती है। उन्होंने दावा किया कि ऐसे मामलों ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया है, यहां तक कि आत्महत्या जैसी चरम घटनाएं भी सामने आई हैं। एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए वैष्णव ने बताया कि कर्नाटक में मात्र 31 महीनों में 32 सुसाइड दर्ज हुए हैं, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर सपोर्ट का खतरा
मंत्री ने यह भी कहा कि ऑनलाइन मनी गेमिंग का असर सिर्फ व्यक्तिगत स्तर तक सीमित नहीं है। यह मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर सपोर्ट जैसी बड़ी समस्याओं को भी जन्म दे रहा है। वैष्णव ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ऑनलाइन गेमिंग डिसऑर्डर को एक नई श्रेणी में शामिल किया है, जिससे यह साबित होता है कि यह समस्या वैश्विक स्तर पर गंभीर है।
सरकार की प्राथमिकता समाज, नहीं राजस्व
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने के लिए अथॉरिटी बनाने, गेम मेकर्स को सहायता देने और नई योजनाएं तैयार करने की दिशा में काम करेगी। लेकिन जब समाज और सरकार के राजस्व में से किसी एक को प्राथमिकता देने का सवाल आता है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा समाज को चुनते हैं। मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी की स्पष्ट सोच है कि मध्यम वर्गीय परिवारों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी कारण इस बिल में समाज को केंद्र में रखकर नियम बनाए गए हैं।
लोकसभा में बिल ध्वनिमत से पारित
वैष्णव ने इस बिल को सर्वसम्मति से पारित करने की अपील की। हालांकि, बिहार एसआईआर पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा किया, जिसके चलते बिल पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। इसके बावजूद बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। स्पीकर ओम बिरला ने इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को 21 अगस्त को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।