अब एनपीएस से यूपीएस में जा सकेंगे ये केन्द्रीय कर्मचारी,
जानें क्या है डेडलाइन और प्रक्रिया
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
केंद्र सरकार ने उन कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, जिन्होंने 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच सेवाएं जॉइन की हैं और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को चुना है। अब ऐसे कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में स्थानांतरित होने का एकमुश्त विकल्प दिया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि यह विकल्प 30 सितम्बर 2025 तक प्रयोग किया जा सकेगा। यह समयसीमा पहले से ही अन्य श्रेणी के पात्र कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए निर्धारित की गई है।
वित्तीय सुरक्षा उद्देश्य सरकार का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय सुरक्षा की योजना बनाने में सूचित विकल्प उपलब्ध कराना है। यूपीएस चुनने वाले कर्मचारियों को बाद में एनपीएस में वापस लौटने का अधिकार भी रहेगा। वित्त मंत्रालय के अनुसार, एनपीएस में शामिल पात्र कर्मचारी और पूर्व सेवानिवृत्त लोग भी 30 सितम्बर 2025 तक यूपीएस का विकल्प अपना सकते हैं। सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से यूपीएस को एक नए विकल्प के तौर पर पेश किया है। यह उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होगा, जो एनपीएस के दायरे में आते हैं और इसमें शामिल होना चाहते हैं। वर्तमान में लगभग 23 लाख कर्मचारी इस विकल्प का लाभ उठा सकते हैं।
क्या है यूपीएस ? उल्लेखनीय है कि 24 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूपीएस को मंजूरी दी थी। पुराने पेंशन योजना (ओपीएस), जो जनवरी 2004 में समाप्त हुई थी, जिसके तहत कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। दरअसल यूपीएस, ओपीएस से अलग है क्योंकि यह अंशदायी (कॉन्ट्रिब्यूटरी) प्रकृति की है। इसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा, जबकि केंद्र सरकार 18.5 प्रतिशत का योगदान करेगी। हालांकि, अंतिम भुगतान उस कोष पर निर्भर करेगा जो सरकारी ऋण में निवेश किया जाएगा और जिस पर मिलने वाले बाजार रिटर्न के आधार पर पेंशन तय होगी।