अब आवारा कुत्तों को खुलें में खिलाया खाना, तो लगेगा जुर्माना…
पार्टी बनाने के लिए देने होंगे दो लाख…जानें सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
स्ट्रीट डॉग लवर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत की खबर आई है, लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर ‘लक्ष्मण रेखा’ भी खींच दी है। देशभर में लागू होने वाले इस नए आदेश के तहत अब आवारा कुत्तों को वैक्सीनेशन और नसबंदी के बाद उन्हीं के इलाके में छोड़ा जाएगा, लेकिन सड़कों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर सख्त रोक लगा दी गई है। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं मामले की सुनवाई में भाग लेने की चाहत रखने वाले लोगों के लिये रकम भी तय की गई है।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
जस्टिस विक्रमनाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की तीन जजों की बेंच ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि 11 अगस्त के पुराने आदेश को संशोधित किया जाता है। अब से देशभर में आवारा कुत्तों को पकड़कर उनका टीकाकरण और नसबंदी की जाएगी, जिसके बाद उन्हें उसी इलाके में वापस छोड़ा जाएगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि रेबीज से संक्रमित और आक्रामक कुत्तों को छोड़ा नहीं जाएगा। उनकी अलग से पहचान कर उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा।
तो देने होंगे दो लाख…
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जो डॉग लवर्स, गैर-सरकारी संगठन (NGO) या याचिकाकर्ता इस मामले में पक्षकार बनना चाहते हैं, उन्हें 25,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक की राशि जमा करनी होगी। तभी वे सुनवाई की कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पशु प्रेमियों को यह भी विकल्प दिया है कि जो लोग कुत्तों की देखभाल करना चाहते हैं, वे एमसीडी के समक्ष गोद लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सड़कों पर नहीं खिला सकेंगे खाना
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब कुत्तों को सड़क पर खाना खिलाने पर पूरी तरह पाबंदी होगी। इसके बजाय, कोर्ट ने आदेश दिया है कि नगर निगम विशेष फीडिंग स्पॉट्स बनाए, जहां डॉग लवर्स कुत्तों को खाना खिला सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
देशभर में लागू होगा आदेश
पहले सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित था, लेकिन अब इसे पूरे भारत में लागू करने का निर्णय लिया गया है। कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या स्थानीय अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण बढ़ी है, इसलिए एक समान नीति बनाना जरूरी है। इसी के तहत, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर 8 हफ्तों में जवाब मांगा है। साथ ही, देशभर की अदालतों में लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि एक नेशनल पॉलिसी के तहत इसे लागू किया जा सके।
11 अगस्त के पुराने आदेश पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि 11 अगस्त 2025 को दिया गया पुराना आदेश फिलहाल स्थगित रहेगा। उस आदेश में दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को आश्रय स्थल में रखने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि नया फैसला डॉग लवर्स और स्थानीय लोगों दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।