अब दुबई में भी खुलेगा इंडिया मार्ट,
अफ्रीका और सेंट्रल एशिया तक बढ़ेगा भारतीय निर्यात
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारत अब सिर्फ यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) में ही निर्यात बढ़ाने की रणनीति पर काम नहीं कर रहा है, बल्कि दुबई को केंद्र बनाकर अफ्रीका और सेंट्रल एशिया के देशों में भी अपने उत्पाद पहुंचाने की तैयारी कर चुका है। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत ने यूएई में ‘इंडिया मार्ट’ खोलने का फैसला किया है। इसमें भारतीय निर्यातकों के शो-रूम और गोदाम बनाए जाएंगे, ताकि दुबई से ही तीसरे देशों तक माल भेजा जा सके।
इंडिया-यूएई ज्वाइंट टास्क फोर्स की बैठक में बड़ा निर्णय मिली जानकारी के मुताबिक, अबू धाबी में गुरुवार को आयोजित इंडिया-यूएई हाई लेवल ज्वाइंट टास्क फोर्स ऑन इंवेस्टमेंट (HLTFI) की 13वीं बैठक के बाद केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत से सीधा अफ्रीका और सेंट्रल एशिया में माल भेजने की तुलना में यूएई से शिपमेंट करना कहीं अधिक आसान है। इसलिए दुबई में इंडिया मार्ट बनाने का निर्णय लिया गया है।
यूएई सरकार ने दी जमीन वहीं इंडिया मार्ट के लिए यूएई सरकार ने जमीन का आवंटन भी कर दिया है। करीब 22 से 25 लाख वर्ग फुट में फैला यह प्रोजेक्ट वर्ष 2027 तक तैयार हो जाएगा। यहां विभिन्न सेक्टर के भारतीय निर्यातक अपने उत्पादों की प्रदर्शनी करेंगे और सीधे डिलीवरी भी कर सकेंगे।
भारत को क्या होगा फायदा? भारत फिलहाल टेक्सटाइल, मेड-अप्स (चादर आदि), मत्स्य, लेदर, फूड प्रोसेसिंग और फार्मा जैसे उत्पादों के निर्यात पर फोकस कर रहा है। मंत्री गोयल ने बताया कि इससे अमेरिकी बाजार में निर्यात घटने की स्थिति में नुकसान की भरपाई हो सकेगी। अभी भारत और यूएई के बीच गैर-पेट्रोलियम व गैर-कीमती धातुओं का व्यापार 55 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जिसे अगले तीन साल में 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
तीसरे देश में मिलकर करेंगे काम दरअसल भारत और यूएई ने सहमति जताई है कि, दोनों देश तीसरे देशों में मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं पूरी करेंगे। इसमें भारत अपने कुशल इंजीनियर और श्रम शक्ति उपलब्ध कराएगा जबकि यूएई निवेश के लिए पूंजी लगाएगा।
डिजिटल भुगतान और निवेश की नई राह गोयल ने बताया कि, दोनों देशों के बीच जल्द ही यूनिफायड पेमेंट इंटरफेस (UPI) सेवा शुरू की जाएगी। इसके बाद भारत और यूएई के नागरिक अपने-अपने मोबाइल नंबर के जरिए एक-दूसरे को सीधे भुगतान कर सकेंगे। निवेश प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए यूएई दूतावास में भारत के आयकर विभाग के अधिकारी भी तैनात किए जाएंगे।
अंतरिक्ष और शेयर बाजार में भी रूचि वहीं इस बैठक में यह भी सामने आया कि, यूएई ने अपने उपग्रह प्रक्षेपण के लिए भारत की अंतरिक्ष तकनीक का इस्तेमाल करने की रुचि जताई है। साथ ही यूएई के निवेशक न सिर्फ निर्माण और सेवा क्षेत्र में बल्कि भारत के शेयर बाजार में भी निवेश करना चाहते हैं।