भारत-रूस रिश्तों में नई मजबूती…
अमेरिकी टैरिफ पर रूसी दूतावास का तीखा बयान…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
रूस ने बुधवार (20 अगस्त 2025) को भारत को लेकर बड़ा बयान दिया और कहा कि “भारत रूस के लिए बहुत मायने रखता है।” यह बयान उस समय आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय तेल खरीद पर टैरिफ लगाकर नई कूटनीतिक चुनौती खड़ी कर दी है। भारत में रूसी दूतावास के वरिष्ठ राजनयिक रोमन बाबुश्किन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी टैरिफ की कड़ी आलोचना की और कहा कि वॉशिंगटन का यह कदम “गलत और एकतरफा” है।
अमेरिकी दबाव पर रूस का पलटवार
बाबुश्किन ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से भारत-रूस संबंध प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, “अगर पश्चिम आपकी आलोचना करता है, तो इसका मतलब है कि आप सब कुछ सही कर रहे हैं।” रूस ने साफ किया कि वह भारत पर कभी आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगाएगा और न ही तेल आयात को प्रभावित होने देगा। इसके लिए रूस ने भारत के साथ एक स्पेशल पेमेंट सिस्टम भी विकसित किया है, जिससे अमेरिकी दबाव के बावजूद कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित नहीं होगी।
मोदी-पुतिन की बातचीत और भारत की संतुलन नीति
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध और द्विपक्षीय सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। भारत की नीति साफ रही है कि वह अमेरिका और रूस दोनों के साथ संतुलन बनाए रखे। जहां अमेरिका भारत का रणनीतिक और व्यापारिक साझेदार है, वहीं रूस पारंपरिक सहयोगी है। इसी वजह से भारत ने रूस से तेल आयात बंद करने की संभावना को सख्ती से नकार दिया है।
पुतिन की संभावित भारत यात्रा और त्रिपक्षीय समीकरण
रोमन बाबुश्किन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल के अंत तक भारत की यात्रा पर आएंगे और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। यह यात्रा भारत-रूस संबंधों को नई ऊर्जा देने की उम्मीद जगाती है। साथ ही रूस ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा को बेहद सफल करार दिया। बाबुश्किन ने संकेत दिए कि जल्द ही भारत-रूस-चीन की त्रिपक्षीय बैठक हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सहयोग एशिया की भू-राजनीति में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।