NCB ने जारी किया पहला सिल्वर नोटिस,
दुबई में छिपे फरार आरोपी पर शिकंजा कसने की तैयारी
5 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
नवंबर 2024 में दिल्ली में हुई 82 किलो कोकीन बरामदगी के मामले में जांच ने नया मोड़ ले लिया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने इस हाई-प्रोफाइल ड्रग तस्करी केस में इंटरपोल की मदद से दुबई में छिपे फरार आरोपी पवन ठाकुर के खिलाफ पहला सिल्वर नोटिस जारी करवाया है। यह नोटिस NCB की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही कार्रवाई को नई गति देगा।
पवन ठाकुर: ड्रग नेटवर्क का मास्टरमाइंड
NCB की जांच में सामने आया है कि पवन ठाकुर इस पूरी तस्करी का मुख्य मास्टरमाइंड है। वह भारत के एक पोर्ट के जरिए 82 किलो कोकीन की खेप मंगवाने में शामिल था। खेप को पहले गुप्त तरीके से ट्रक से दिल्ली पहुंचाया गया, जहां उसके सहयोगी माल को गोडाउन में स्टोर करके आगे सप्लाई की व्यवस्था कर रहे थे। लेकिन मामला सिर्फ ड्रग्स की तस्करी तक सीमित नहीं है। जांच में खुलासा हुआ है कि पवन ठाकुर का हवाला नेटवर्क दिल्ली और दुबई दोनों जगह सक्रिय था। इसी नेटवर्क के जरिए वह नशे के कारोबार से कमाए गए काले धन को सफेद करता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी आर्थिक जड़ें मजबूत कर रहा था।
इंटरपोल के सिल्वर नोटिस से तेज होगी कार्रवाई
इंटरपोल का सिल्वर नोटिस अब इस केस को वैश्विक स्तर पर पहुंचा देगा। दुनियाभर की एजेंसियों को इस नोटिस के जरिए यह अधिकार होगा कि वे NCB को पवन ठाकुर की अवैध संपत्तियों और कारोबार की जानकारी दें। इस नोटिस के बाद इंटरपोल के सभी सदस्य देशों की एजेंसियां मिलकर उसके काले धन, हवाला नेटवर्क और ड्रग सिंडिकेट की परतें खोलेंगी। NCB ने साफ कहा है कि यह कदम सिर्फ पवन ठाकुर की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उसका पूरा नार्को-फाइनेंशियल नेटवर्क तोड़ने पर फोकस है।
NCB का मिशन: ड्रग्स के ग्लोबल सिंडिकेट्स पर शिकंजा
NCB का कहना है कि भारत की एजेंसियां अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स माफियाओं के बड़े नेटवर्क को खत्म करने पर जोर दे रही हैं। इसी मकसद से NCB लगातार इंटरपोल और अन्य विदेशी एजेंसियों के साथ तालमेल बना रही है, ताकि तस्करों के खिलाफ वित्तीय और कानूनी कार्रवाई दोनों एक साथ हो सके। NCB ने सभी देशों से अपील की है कि वे इस केस में सहयोग करें और पवन ठाकुर की संपत्तियों, बैंक खातों, हवाला लेन-देन और कंपनियों से जुड़ी जानकारियां साझा करें।
अब अगली चाल पर सबकी नजर
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि पवन ठाकुर की कितनी और कहां-कहां संपत्तियां सामने आती हैं और कब तक उसे कानून के शिकंजे में लाया जा सकेगा। NCB को उम्मीद है कि इंटरपोल की मदद से जल्द ही पवन ठाकुर के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कार्रवाई संभव हो सकेगी।