17 साल के छात्र से फिजिकल होने वाली 40 साल की टीचर को जमानत,
मुंबई कोर्ट में सुनवाई जारी
2 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
मुंबई के एक प्रतिष्ठित स्कूल की 40 वर्षीय शिक्षिका को एक छात्र के साथ यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि, अब विशेष POCSO अदालत ने उन्हें ज़मानत दे दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दोनों पक्षों से ऐसे सबूत सामने आए हैं, जिनसे संकेत मिलता है कि बाद में उनके बीच आपसी सहमति से संबंध बने थे।
कोर्ट का पक्ष: अब प्रभाव की स्थिति नहीं
विशेष जज सबीना ए मलिक ने ज़मानत देते हुए कहा कि पीड़ित की उम्र 17 वर्ष से अधिक है। आरोपी शिक्षिका ने पहले ही स्कूल से इस्तीफा दे दिया है, जिससे अब शिक्षक और छात्र का संबंध समाप्त हो चुका है। जज ने यह भी माना कि मुकदमे की प्रक्रिया लंबी होगी, ऐसे में आरोपी को जेल में रखना व्यर्थ होगा।
पीड़ित का आरोप: जान का खतरा
पीड़ित की ओर से ज़मानत का विरोध करते हुए यह आशंका जताई गई कि यदि आरोपी को रिहा किया गया, तो वह उसे डरा-धमकाकर प्रभावित करने की कोशिश कर सकती है। साथ ही, सबूतों से छेड़छाड़ और मानसिक दबाव की भी संभावना जताई गई। कोर्ट ने इस पर कहा कि यदि ऐसे कोई खतरे हैं, तो उन्हें कड़ी ज़मानती शर्तों के साथ रोका जा सकता है।
भाषा का मुद्दा भी उठा
आरोपी शिक्षिका के वकील नीरज यादव और दीपा पुंजानी ने अदालत में दलील दी कि गिरफ्तारी के वक्त जो आधार बताए गए, वे केवल मराठी भाषा में थे, जो उनकी मुवक्किल को समझ नहीं आती। वकीलों का कहना था कि उन्हें इन दस्तावेज़ों का हिंदी या अंग्रेज़ी अनुवाद नहीं दिया गया, जिससे संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ।
सख्त शर्तों के साथ मिली जमानत
अदालत ने ज़मानत देते हुए स्पष्ट किया कि यदि आरोपी जमानत की शर्तों का उल्लंघन करती हैं, तो उसे तत्काल रद्द किया जा सकता है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए यह भी स्वीकार किया कि पीड़ित मानसिक आघात से गुज़रा है। परंतु, यह भी ध्यान में रखा गया कि अब आरोपी का पीड़ित पर सीधा प्रभाव नहीं है।
मामला अब भी जारी है
यह मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है और पुलिस की ओर से आगे की जांच जारी है। कोर्ट ने ज़मानत का फ़ैसला सबूतों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद संतुलित रूप से किया।